सार

पीयूष के घरवालों का कहना है कि सभी मरीजों को आइसोलेट कर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। इसके साथ ही क्रूज़ को वहीं रोक दिया गया है। क्रूज में बचे बाकी लोगों पर डॉक्टर की टीम 14 दिनों (19 फरवरी) तक निगरानी रखेगी। 

मेरठ (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। जापान पहुंचे एक क्रूज़ में भारत (मेरठ जिला) के पीयूष समेत दूसरे देशों के 3700 लोग फंसे हैं। बताया जा रहा है कि इसमें 64 यात्रियों में कोरोना वायरस की चपेट में आने की पुष्टि होने से जापान में खलबली मच गई है। जापान सरकार ने आनन-फानन में पानी के जहाज को अपनी सीमा में आने से मना कर दिया है। इससे आनेवाली 19 फरवरी तक जहाज अब समंदर में ही रहेगी। जहां जहाज में सवार यात्रियों की 14 दिनों तक निगरानी की जाएगी।

शाकाहारी भोजन के लिए किया ईमेल
मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी पीयूष वशिष्ठ पुत्र मूलचंद जो कि गुड़गांव के सेक्टर 33 स्थित एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पीयूष के घर वालों को कहना है कि जापान के बंदरगाह पर खड़े पानी के जहाज में फंसे भारतीय दल ने शाकाहारी भोजन के लिए दूतावास से गुहार लगाई है, राजदूत को ईमेल किया गया है। पीयूष के घर वालों का कहना है कि पीयूष ने उन्हें बताया है कि क्रूज़ में ज्यादातर मांसाहारी हैं। रसोई में शाकाहारी भोजन की कमी है। उन्होंने शाकाहारी खाने के लिए मांग की है। 

वीडियो कॉल पर कर रहा संपर्क
पीयूष के घर वाले उससे लगातार वीडियो कॉल पर संपर्क में हैं और पीयूष की वापसी के लिए बेचैन हैं, उसके घरवालों का कहना है कि अभी तक वह सुरक्षित हैं।

25 जनवरी को हांगहांग के लिए निकली थी जहाज
पीयूष के घर वालों ने बताया कि पीयूष छह सहकर्मियों के साथ 25 जनवरी को भारत से हांगकांग गया था। डायमंड प्रिंसेस नामक पानी का जहाज उसी दिन जापान के लिए निकला था, जिसमें 3700 लोग सवार थे। 

यहां मिला कोरोन वायरस का लक्षण
क्रूज़ जापान के योकोहामा बंदरगाह पहुंचा तब कई यात्रियों में कोरोना के लक्षण उभरे। इसके बाद जापान की सरकार हरकत में आ गई। 273 संदिग्ध लोगों की जांच में पता चला कि 61 यात्रियों में कोरोना वायरस पहुंच चुका है और बाद में 3 और लोग में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। इस तरह अब तक कुल 64 लोगों में कोरोना वायरस पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है।

14 दिन बाद आगे जाएगी जहाज
पीयूष के घरवालों का कहना है कि सभी मरीजों को आइसोलेट कर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। इसके साथ ही क्रूज़ को वहीं रोक दिया गया है। क्रूज में बचे बाकी लोगों पर डॉक्टर की टीम 14 दिनों (19 फरवरी) तक निगरानी रखेगी।