सार

चौधरी अजित सिंह के जाने के बाद जयंत चौधरी की पहली बड़ी परीक्षा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में होगी। उनको पहली बार प्रतिनिधित्वहीन हुई पार्टी को फिर से मुख्य मुकाबले में लाना है। सामाजिक समीकरणों को चुनावी नजरिए से साधने के लिए जयंत को कार्यकारिणी को संवारना होगा। इसके साथ ही प्रदेश व क्षेत्रीय कमेटी व प्रकोष्ठों को कसा जाएगा।
 

लखनऊ (Uttar Pradesh)। राष्ट्रीय लोकदल को नया मुखिया मिल गया है। मंगलवार को पार्टी के 34 सदस्यों ने वर्चुअल बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के नाम पर मुहर लगा दी। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के बेटे स्वर्गीय अजित सिंह के बेटे हैं। बता दें कि चौधरी अजित सिंह का कोरोना की चपेट में आने से निधन हो गया था। बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होते ही जयंत सिंह अपने तेवर में दिखे। 26 को प्रस्तावित किसानों के आंदोलन को अपनी पार्टी का समर्थन देने का एलान कर दिया। 

अजित के सामने ये चुनौती
चौधरी अजित सिंह के जाने के बाद जयंत चौधरी की पहली बड़ी परीक्षा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में होगी। उनको पहली बार प्रतिनिधित्वहीन हुई पार्टी को फिर से मुख्य मुकाबले में लाना है। सामाजिक समीकरणों को चुनावी नजरिए से साधने के लिए जयंत को कार्यकारिणी को संवारना होगा। इसके साथ ही प्रदेश व क्षेत्रीय कमेटी व प्रकोष्ठों को कसा जाएगा।

आरएलडी के बारे में जाने
चौधरी अजित सिंह ने 1999 में राष्ट्रीय लोकदल का गठन किया था। वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इस समय पार्टी में उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के अलावा आठ राष्ट्रीय महासचिव, 14 सचिव, तीन प्रवक्ता और 11 कार्यकारिणी सदस्यों समेत 37 पदाधिकारी हैं। 15 साल के अपने राजनीतिक जीवन में जयंत पिता के बिना पहली बार कोई बैठक की।

कोरोना के प्रोटोकॉल का कड़ाई से करा रहे पालन
चौधरी अजित सिंह का निधन के बाद उनके पुत्र व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराया। इसी क्रम में उन्होंने चौधरी साहब के अंतिम संस्कार से लेकर बीते दिन तेहरवीं का कार्यक्रम भी केवल पारिवारिक सदस्यों के साथ पूर्ण कराया। मंगलवार को जंयत चौधरी ने फेसबुक पेज से हवन व पूजन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराकर समर्थकों को अपने-अपने घरों तक सीमित रखा। फिर, मंगलवार को हुई लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में हुई मीटिंग में सामान्य तरीके से पहले स्व.चौधरी अजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।