सार
हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुत्थी लगभग सुलझ चुकी है। इस हत्याकांड की साजिश दुबई में रखी गई और अंजाम देने के लिए सूरत में 5 लोगों की गैंग बनाई गई, जिसमें पुलिस ने 3 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन कमलेश की हत्या करने आए दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
लखनऊ (Uttar Pradesh). हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुत्थी लगभग सुलझ चुकी है। इस हत्याकांड की साजिश दुबई में रखी गई और अंजाम देने के लिए सूरत में 5 लोगों की गैंग बनाई गई, जिसमें पुलिस ने 3 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन कमलेश की हत्या करने आए दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह कमलेश तिवारी के परिवार के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किए जाने का आश्वासन दिया। वहीं, बिजनौर के दौ मौलानाओं की भी भूमिका की जांच की जा रही है। साल 2015 में इन दोनों मौलानाओं ने कमलेश का सिर कलम करने वालों को डेढ़ करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की थी।
5 लोगों ने बनाया गैंग, 3 गिरफ्तार
सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिलने के बाद सूरत से मौलाना मोहसिन सलीम शेख, फैजान युनूस भाई जिलानी और रशीद शेख को गिरफ्तार किया। रशीद और मोहसिन ने हत्या की साजिश रची थी, जबकि फैजान ने हतयाकांड के लिए सारे सामान जुटाए थे। हत्याकांड को अंजाम भगवा कपड़ा पहन अशफाक और फरीद ने दिया, जोकि फरार हैं।
जानें सूरत में प्लान को अंजाम देने वाली गैंग के बारे में...
दुबई में रची गई साजिश
23 साल का रशीद शेख कंप्यूटर का एक्सपर्ट है। 10वीं तक पढ़ा रशीद 2017 से दुबई में कंप्यूटर हार्डवेयर की दुकान चला रहा था। 2015 में पैगंबर साहब पर दिए बयान के बाद उसने कमलेश तिवारी की हत्या का फैसला किया। दो महीने से ये सूरत में रह रहा था। ये अपने भाई सईद की शादी के लिए भारत आया था। इस दौरान मोहसिन ने इसे इस हत्याकांड के लिए और भड़का दिया। जिसके बाद रशीद ने भाई फरीद शेख और उसी बिल्डिंग में रहने वाले दोस्त अशफाक के साथ पड़ोस की ग्रीन व्यू बिल्डिंग में रहने वाले फैजान और मोहसिन को इस साजिश में शरीक कर लिया। इसके लिए 50 बैठकें भी की।
इसने हत्याकांड के लिए जुटाए थे हथियार
फैजान सूरत में लिंबायत के ग्रीन व्यू फ्लैट में रहता था। जूते की कंपनी में सेल्समैन का काम करता था। वह रशीद के साथ दुबई से ही संपर्क में था। पहले उसने खुद जाकर कमलेश की हत्या का मन बनाया, लेकिन बाद में प्लान चेंज कर दिया। इसने हत्याकांड के लिए हथियार और अन्य सामान जुटाए।
बेकार बैठे शख्स ने की कमलेश की हत्या
फरीद रशीद का ही भाई है। ये लिंबायत भी ही रहता था। हालांकि, ये कुछ काम नहीं करता था। रशीद के उकसाने पर इसने अशफाक के साथ लखनऊ जाकर कमलेश की हत्या की।
रशीद के उकसाने पर हत्या करने आया था ये
अशफाक रशीद का पड़ोसी है। 15 अक्टूबर को हुई बैठक में रशीद ने कहा था कि अगर कोई नहीं जा सकता तो मैं खुद जाऊंगा हत्या करने। इसके बाद अशफाक ने हत्या के लिए हामी भरी और फरीद के साथ लखनऊ आ गया।
इसने कहा था-कमलेश की हत्या करना गुनाह नहीं
मोहसिन शेख लिंबायत के एक मदरसे में दीन पढ़ाने का काम करता है। इसी ने रशीद और उसके दोस्तों को कहा था कि इस्लाम में ऐसे लोगों की हत्या करना कोई गुनाह नहीं है। यही नहीं, इसने इस्लाम का कबूलनामा नाम से एक सर्टिफिकेट भी जारी किया था।
इस महिला से भी हुई पूछताछ
लखनऊ में सीसीटीवी में दो आरोपियों के साथ एक महिला भी दिखी थी। जो रास्ते में लगातार अशफाक और फरीद से बात कर रही थी। पुलिस इस महिला से भी पूछताछ कर रही है।
सूरत से ही भगवा कपड़ा पहन ट्रेन में सवार हुए थे हत्यारे
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अशफाक और फरीद ने सबसे पहले सूरत में रशीद और फैजान को फोन किया और कहा कि काम हो गया है। उसके बाद आरोपियों ने जश्न की तैयारी शुरू कर दी। हत्या करने के बाद आरोपियों ने किस किस को फोन किया था, इसकी जांच हो रही है। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी 16 अक्टूबर को ही उद्योग कर्मी एक्सप्रेस से निकले थे और वहां से लखनऊ गए थे। उन्होंने पहले से ही भगवा कपड़े पहन रखे थे। ताकि किसी को शक न हो। आरोपी सीधे कमलेश तिवारी के दफ्तर पहुंच गए और उनकी हत्या कर दी।
जानें इस हत्याकांड की साजिश रचने वाले के परिवार का क्या है कहना
रशीद के पिता खुर्शीद पठान ने बताया, बेटे हमेशा अपने काम से काम रखते थे। रशीद दुबई से आया और काम में लगा था। फरीद और अशफाक 16 अक्टूबर से ही गायब थे। किसी की हत्या करना गलत है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि बेटे ने ऐसा किया। बेटे सईद की 2 नवंबर को महाराष्ट्र में शादी होनी है। शादी के कार्ड भी छप गए हैं। लड़की वालों को इस घटना के बारे में कुछ नहीं बताया है।