सार
राजधानी में 18 अक्टूबर को हुई हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को गुजरात एटीएस ने मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों को गुजरात राजस्थान बॉर्डर के शामलजी से गिरफ्तार किया गया।
लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी में 18 अक्टूबर को हुई हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को गुजरात एटीएस ने मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों को गुजरात राजस्थान बॉर्डर के शामलजी से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए हत्यारोपियों का नाम शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन है। दोनों ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया है। यही नहीं, इन्होंने पूछताछ में ये भी बताया कि कमलेश की हत्या क्यों की?
हत्यारों ने कमलेश की हत्या करने के पीछे बताई ये वजह
पूछताछ में हत्यारोपियों ने बताया, कमलेश के पैगंबर पर दिए विवादित बयानों के चलते उनकी हत्या का प्लान बनाया गया। बता दें, कमलेश ने साल 2015 में मोहम्मद पैगम्बर को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। कई दिन वो जेल में भी रहे। यही नहीं, उनपर रासुका भी लगा दी गई थी, जिसे 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया। इस बयान के बाद कमलेश के खिलाफ फतवा भी जारी किया गया था।
ऐसे की थी कमलेश की हत्या
पुलिस के अनुसार, हत्यारों में अशफाक ने कमलेश पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर बेरहमी से गला रेता था। गला रेतने के दौरान उसका हाथ जख्मी हुआ था। दूसरा आरोपी मोईनुद्दीन फूड डिलेवरी का काम करता था। उसने कमलेश को गोली मारी थी। गुजरात के सूरत से गिरफ्तार तीन साजिशकर्ता राशिद पठान, मौलाना मोहसिन और फैजान ने दोनों का ब्रेनवाश कर हत्या के लिए तैयार किया था। एटीएस के डीआईजी ने बताया, दोनों ही हत्यारोपी तीनों साजिशकर्ताओं से पिछले डेढ़ साल से संपर्क में थे, लेकिन इन्होंने कभी फोन पर बात नहीं की।
कमलेश हत्याकांड में अब तक 6 गिरफ्तार
गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया, कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे पांच लोग शामिल थे, जिसमें से तीन साजिशकर्ताओं को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। दोनों हत्यारोपियों को भी एटीएस ने गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी नागपुर से हुई, जिसे महाराष्ट्र एटीएस ने पकड़ा। बरेली के एक शख्स को भी हिरासत में लिया गया है।