सार
यूपी के कानपुर में पुलिस की गुंडागर्दी के चलते नाबालिग का पैर कट गया था। जिसके बाद अब सामने आया है कि पुलिस ने पीड़ित परिवार से समझौता कर लिया है। यदि पीड़ित परिवार दोषियों पर कार्रवाई की मांग नहीं करेगा तो पुलिस नाबालिग का इलाज कराएगी।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की पुलिस की गुंडागर्दी और संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। बता दें कि कल्याणपुर थाने की पुलिस की गुंडागर्दी के कारण नाबालिग अर्शनाल का पैर कट गया था। अब इस मामले पर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से पुलिस ने समझौता किया है। बताया जा रहा है कि परिवार द्वारा एफआईआर दर्ज न कराने के बदले नाबालिक के इलाज का करार किया गया है। थानेदार का कहना है यदि पीड़ित परिवार दोषी दरोगा और हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ FIR दर्ज कराते हैं तो पुलिस बच्चे का इलाज नहीं कराएगी। नाबालिग का पीजीआई में इलाज किया जा रहा है। वहीं डॉक्टर ने ऑपरेशन में एक पैर घुटने के ऊपर से काट दिया है। वहीं दूसरा पैर बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
पीड़ित परिवार ने नहीं दी मामले की तहरीर
बता दें कि सब्जी बेच रहे नाबालिग से गाली-गलौज करते दरोगा शादाब खान और हेड कांस्टेबल ने उसे थप्पड़ मारते हुए तराजू रेलवे लाइन पर फेंक दिया था। इस दौरान रेलवे लाइन से तराजू उठाने गया नाबालिग इतनी दहशत में था कि उसने सामने से आ रही ट्रेन को भी नहीं देखा। तराजू उठाने के चक्कर ने उसके पैर कट गए। हालांकि पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन इस पूरे मामले में दरोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बता दें कि पुलिस की गलती के कारण अर्शलान के पैर कटे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस ने अब पीड़ित परिवार से समझौता कर लिया है। इसी के चलते बेबस परिवार ने दोषियों के खिलाफ मामले पर कोई तहरीर नहीं दी है।
पुलिस ने हर कदम पर बोला झूठ
पीड़ित परिवार का कहना है कि बच्चे का इलाज कराना उनकी पहली प्राथमिकता है। वहीं एसीपी कल्याणपुर विकास पांडेय और थानेदार देवेंद्र दुबे ने खाकी को दाग से बचाने के लिए हर कदम पर झूठ बोलते नजर आए। बता दें पीड़ित को पुलिस ने बालिग बताया है। जबकि अर्शलान की आयु 17 साल की है। कल्याणपुर थानाक्षेत्र के विनायकपुर निवासी फतिमा प्राइवेट अस्पताल में आया का काम करती हैं। वहीं पति सलीम से विवाद के कारण वह 17 वर्षीय अर्शलान और 19 वर्षीय कदीम के साथ पति से अलग रहती हैं। बताया गया है कि दोनों लड़के सब्जी बेचकर गुजर-बसर करते हैं। घटना वाले दिन अर्शलान हर रोज की तरह जीटी रोड किनारे सब्जी बेच रहा था। तभी अतिक्रमण हटाने के लिए दरोगा शादाब खान और हेड कांस्टेबल राकेश कुमार मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नाबालिग का तराजू उठाकर रेलवे लाइन पर फेंक दिया था।