सार

कानपुर हादसे में घायल हुए लोगों ने बताया कि जिस राजू के बेटे का मुंडन था वही ट्रैक्टर चला रहा था। राजू ने मंदिर जाने से पहले और फिर वापस आने के दौरान भी शराब पी थी। लोगों ने उससे ट्रैक्टर चलाने को मना किया लेकिन वो नहीं माना। 

कानपुर: मुंडन करवाकर वापस आ रहे 26 लोगों की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार रविवार की दोपहर को कराया गया। इस बीच 10 घायल हैलट अस्पताल में भर्ती हैं। सीएम योगी भी घायलों से मुलाकात के लिए वहां पर पहुंचे। इससे पहले रातभर घाटमपुर तहसील के भीतरगांव सीएचसी में शवों का पोस्टमार्टम चला। 26 लाखों के पोस्टमार्टम के लिए 10 डॉक्टरों की टीम को लगाया गया था। 
300 लोगों के कोरथा गांव में रविवार को सिर्फ लोगों की भीड़ और रोने की आवाजें ही सुनाई पड़ रही थीं। 8 घरों के बाहर लाशें रखी हुई थीं। गांव के निवासी रामदुलारे के घर के बाहर 6 लाशें रखीं थी। हादसे में उनकी पत्नी लीलावती, बेटी मानीषा, बेटा रोहित, मां फूलमती, भाई की पत्नी जयदेवी, भतीजे पंकज की मौत हो गई। इस बीच गांव में एक ही जगह पर 26 शवों के लिए अर्थियां तैयार की गईं। हादसे में बचने वाले वीरेंद्र बताते हैं कि वह ट्रैक्टर ट्रॉली पर ही सवार थे। 

हादसे के बाद भाग निकला राजू 
वीरेंद्र के अनुसार जिस राजू निषाद के बेटे का मुंडन था वह ही ट्रैक्टर चला रहा था। उन्नाव के बक्सर में चंद्रिका देवी मंदिर में कार्यक्रम आयोजित हुआ। राजू शराब पीकर बहुत ही रफ्तार में ट्रैक्टर चला रहा था। राजू ने मंदिर जाने के दौरान भी शराब पी रखी थी। वापस आते समय जब गाड़ी रास्ते में चाय नाश्ते के लिए रुकी तो उसने फिर से शराब पी ली। लोगों के मना करने के बावजूद वह ट्रैक्टर चलाता रहा। इसी बीच रास्ते में साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच में गड्ढा पड़ा। अचानक ही सामने से बाइक भी आ गई। तेज रफ्तार ट्रैक्टर पर राजू का कोई काबू नहीं रहा। एक तरफ ट्रैक्टर ट्रॉली पलटा और महिलाएं व बच्चे तालाब में गिर गए। राजू वहां बच गया और भाग निकला। 

ढाबे पर रुककर राजू ने पी थी शराब
लोग कह रहे हैं कि अगर राजू शराब न पीता तो यह हादसा न होता। वहीं इस बीच राजू की तलाश में टीम लगा दी गई हैं और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। उसी ट्रॉली में मौजूद लक्ष्मी जो कि अभी घायल हैं वह बताती हैं कि ट्रॉली पलटने से हादसा हुआ। राजू ने ढाबे पर रुककर शराब पी थी और हम लोग ट्रॉली में बैठकर गीत गा रहे थे। जो लोग ट्रैक्टर पर आगे बैठे थे उन्होंने राजू को ट्रैक्टर चलाने से मना भी किया लेकिन वह नहीं माना। जहां पर हादसा हुआ उससे  गांव सिर्फ 5 किमी की दूरी पर ही था। लेकिन हमें नहीं पता था कि बहुत से लोगों का सफर बस यहीं तक का था। 

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