सार

कानपुर में बन रहा भाभा कवच असम पुलिस और अन्य सशस्त्र बलों के जवानों को दुश्मनों की गोली से बचाएगा। ओईएफ से अभी 164 भाभा कवच को खरीदा गया है और असम पुलिस के अधिकारी इसे लेने के लिए पहुंचे हैं। 

कानपुर: ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) की इकाई आयुध उपस्कर निर्माणी कानपुर में बने हुए भाभा कवच (बुलेट रेजिस्टेंस जैकेट) अब अन्य राज्यों की पुलिस और सशस्त्र बल के जवानों को भी पसंद आने लगे हैं। असम पुलिस के जवानों को बचाने के लिए यह बड़ी पहल सामने आ रही है। इसके लिए ओईएस से 164 भाभा कवच खरीदे गए हैं। असम पुलिस के अधिकारी ओईएफ में कवच लेने के लिए पहुंचे। ओईएफ की ओर से दावा किया गया कि निगमीकरण के बाद पहली बार संस्थान की ओर से बड़े आर्डर की सप्लाई दी गई है। 

भाभा कवच से मिलेगी हर तरफ से सुरक्षा 
ओईएफ के एडिशनल जीएम विजय कुमार चौधरी की ओर से जानकारी दी गई कि 9.6 किलोग्राम का भाभा कवच टीसीएल और मिदानी की ओर से डिजाइन किया गया है। यह भाभा कवच बीआइएस लेवल पांच के साथ ही 360 डिग्री सामने, पीछे और साइड में भी सुरक्षा देने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। इसमें दो मैगजीन के साथ ही दो ग्रेनेड पाकेट भी दिए गए हैं। इसी के साथ ठोस और नरम दो आर्मर पैनल भी मौजूद हैं जिन्हें जैकेट से निकाला जा सकता है। यह कवच पांच सालों तक सुरक्षा देगा। बिहार पुलिस की ओर से भी भाभा कवच की मांग की गई है। 

निगमीकरण के बाद हो रहा उत्पादों को तैयार करने का काम 
ओईएफ अधिकारी विजय कुमार चौधरी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार निगमीकरण के बाद कई कार्य होंगे। इसी कड़ी में अब एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए ओईएफ जैकेट समेत तमाम सुरक्षात्मक उत्पाद भी तैयार होंगे। ओईएफ की डिजाइन को विकसित करने और उत्पाद की ब्रांडिंग करने के लिए रायबरेली स्थित निफ्ट संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी) के साथ में एमओयू हुआ है। 

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