सार

कानपुर देहात में एक गौरक्षक की हत्या कर उसके शव को खूंटी से लटका दिया। परिजनों का आरोप है कि मृतक को काफी दिनों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। जानकारी देने के बाद भी पुलिस ने मामले पर एक्शन नहीं लिया था। 

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक गौरक्षक की निर्ममता से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद आरोपियों ने उनके शव को खूंटी से लटका दिया। मृतक राजेश द्विवेदी मूल रूप से अकबरपुर के ज्योतिष गांव के निवासी थे। परिजनों ने बताया कि वह घर के बाहर मंदिर में सोते थे। शनिवार की रात भी वह खाना खाकर मंदिर परिसर में जाकर लेट गए थे। जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों को देर रात उनका शव खूंटी से लटका मिला। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने रात में ही आनन-फानन में शव का पोस्टमार्टम करवा दिया। जब रविवार सुबह मृतक का शव गांव पहुंचा तो परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक वह शव का दाह संस्कार नहीं करेंगे।

परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप
राजेश द्विवेदी की मौत के बाद उनकी पत्नी लाली और दोनों बच्चों अंकित व प्रगति का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घटना की सूचना मिलते ही सीओ सदर प्रभात कुमार, अकबरपुर कोतवाल प्रमोद शुक्ला मौके पर पहुंच गए। परिजनों ने बताया कि मंदिर घर से 500 मीटर की दूरी पर है। जहां पर राजेश की हत्या की गई है। मृतक के बेटे अंकित ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीते दिनों उनके पिता ने गांव के कुछ लोगों के खिलाफ गोवंश पर धारदार औजार से हमलाकर गंभीर रूप से घायल करने की शिकायत थाने में दर्ज करवाई थी। जिसके बाद राजेश को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। धमकियां मिलने पर मृतक राजेश ने इस संबंध में पुलिस को जानकारी दी थी। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण उनकी हत्या कर दी गई।

लगातार मिल रही थी हत्या की धमकी
मृतक के परिजनों ने राजेश द्वारा 21 दिन पहले थाने में दी गई तहरीर भी दिखाई। राजेश ने 7 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ दो दर्जन गायों को मारने और धारदार औजार से उन्हें घायल करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। राजेश के परिजनों ने उनके शव को बाहर रख हंगामा करना शुरूकर दिया और पुलिस प्रशासन के किलाफ नारेबाजी करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग करने लगे। घटनास्थल पर मौजूद सीओ और एसडीएम ने हंगामा कर रहे परिजनों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया। लेकिन परिजनों ने शव को उठाने से इंकार कर दिया है। परिजनों की मांग है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

परिजनों ने जमकर किया हंगामा
परिजनों का कहना है उनकी मांग पूरी होने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीओ प्रभात कुमार के अनुसार, मृतक के परिजन गांव के ही राधेश्याम, उदय नारायण, धर्मेंद्र, शिवकुमार और ओमप्रकाश कुशवाहा के अलावा 10 से 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों की तहरीर के आदार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले पर कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा मृतक के परिजन पुलिस पर जो आरोप लगा रहे हैं उन सभी आरोपों पर भी जांच करवाई जाएगी। इस मामले में जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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