सार

कानपुर के फतेहपुर में एकतरफा प्यार में जल्लाद बने भाई ने अपनी चचेरी बहन की बेरहमी से हत्या कर उसके शव के 7 टुकड़े किए थे। वारदात के 12 साल बाद मृतका के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एकतरफा प्यार से इंकार करने पर भाई ने चचेरी बहन के 7 टुकड़े कर दिए थे। शुक्रवार दोपहर को अपर सत्र कोर्ट प्रथम ने आरोपी भाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता की ओर से आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी। बता दें कि फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के मसवानी मोहल्ले में साल 2011 में इस वारदात को अंजाम दिया गया था। मोहल्ला निवासी कमरूल हुदा की 28 वर्षीय बेटी फरहत फातिमा उर्फ जीनत बीएड कर चुकी थी। वारदात के दौरान वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी। सहायक शासकीय अधिवक्ता रहस बिहारी श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि घटना के दिन जीनत साइकिल से दवा लेने के लिए घर से निकली थी। जिसके बाद वह वापस घर नहीं आई।

आरोपी को सुनाई गई उम्रकैद की सजा
वहीं पुलिस ने मामले की पड़ताल करते हुए जीनत के चचेरे भाई इरफान उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने 8 सितंबर 2011 को पक्का तालाब रोड स्थित पुलिया के नीचे से मृतका के 7 टुकड़े बरामद किए गए थे। आरोपी ने अलग-अलग स्थानों पर मिट्टी में मृतका के शरीर के टुकड़ों को दफन किया था। वहीं प्लास्टिक की एक बोरी में युवती की चप्पल और पर्स बरामद किया गया था। आरोपी के घर से पुलिस ने घटना में उपयोग किए जाने वाले चाकू को बरामद किया था। इस घटना के बाद से आरोपी जेल में था। वहीं सबूतों के आधार पर कोर्ट ने अब उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उस पर 32,400 रुपये का अर्थदंड लगाया।

अक्सर जीनत को परेशान करता था आरोपी
सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी इरफान जीनत से एक तरफा प्यार करता था। वह अक्सर जीनत को परेशान किया करता था। जब युवती दवा लेने के लिए जा रही थी तो आरोपी ने उसे अपने घर बुलाकर उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। जिस पर युवती ने इंकार कर दिया था। इसके बाद इरफान ने उसकी हत्या कर शरीर के 7 टुकड़े कर दिए थे। वहीं इस घटना के बाद से जीनत के पिता कमरूल हुदा और उसका भाई इशरत परिवार सहित कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र में कई सालों से रह रहे हैं। आरोपी का परिवार कानपुर में रह कर चमड़े का काम करता है। आरोपी इरफान ने घर के पीछे वाले कमरे में जीनत की हत्या कर उसके शव को 4 दिन तक घर में छिपाए रखा था। जीनत की तलाश में उसके परिवार वाले आरोपी के घर भी गए थे। लेकिन पीछे वाले कमरे की तलाशी नहीं ली थी।

न्याय के लिए 12 साल करते रहे इंतजार
वहीं वारदात के बाद आरोपी के घर के बगल में रहने वाले परिवार ने भोर पहर इरफान को बोरी कुछ लेकर जाते देखते थे। लेकिन वह समझते रहे कि इरफान रमजान की वजह से दुकान में माल की सप्लाई देने जा रहा होगा। जबकि इस दौरान आरोपी शव के टुकड़ों के ठिकाने लगा रहा था। इस घटना के बाद आरोपी के परिवार वालों ने उस घर को बेच दिया। बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए जीनत के पिता ने 12 साल लड़ाई लड़ी। इस दौरान वह टूटे हुए थे। क्योंकि अपनों ने ही इस दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था। वहीं आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद परिवार वालों को तसल्ली हुई और उनकी बेटी को न्याय मिलने से परिवार खुश दिखाई दिया।

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