सार

सपा विधायक सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को कानपुर पुलिस ने इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर समेत 3 नई FIR दर्ज की है। बता दें कि पुलिस ने इरफान सोलंकी को गैंग लीडर बनाया है।

कानपुर: सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ कानपुर पुलिस ने सोमवार को गैंगस्टर समेत 3 नई FIR दर्ज की है। गैंगस्टर के अलावा सपा विधायक पर एक साल पहले ग्वालटोली में पुलिस से झड़प और जमीन पर कब्जा करने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस ने इरफान को गैंग लीडर बनाया है। सपा विधायक सोलंकी पर आरोप है कि वह गैंग बनाकर अनैतिक तरीके से जमीनों पर कब्जा, वसूली समेत अन्य काम करते थे। जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कानपुर के सीसामऊ विधानसभा से विधायक सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर लगाया गया है। इसके अलावा सपा विधायक के भाई रिजवान, हिस्ट्रीशीटर इसराइल आटे वाला, मोहम्मद शरीफ और सपा नेत्री नूरी शौकत के पिता शौकत अली को भी गैंग चार्ट में शामिल किया गया है। 

सरकारी काम में बाधा डालने का लगा आरोप
मामले की जांच के बाद अन्य बदमाशों को भी इस गैंग चार्ट में शामिल किया जाएगा। वहीं इरफान के खिलाफ दूसरी FIR ग्वालटोली थाने में पुलिस से झड़प और अभद्रता करने के मामले में दर्ज हुई है। जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने बताया कि ग्वालटोली थाना प्रभारी की शिकायत पर सपा विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ धारा 147, 188, 269, 270, 332, 353, 504 के तहत FIR दर्ज की गई है। बता दें कि एक साल पहले 21 अगस्त 2021 को इरफान सोलंकी ने ग्वालटोली थाने के दरोगा राजीव कुमार और उनकी टीम के साथ बदसलूकी, दुर्व्यवहार और अभद्रता करते हुए सरकारी काम में बाधा डाली थी। बताया गया है कि पुलिस और विधायक के बीच निर्माण को लेकर विवाद हुआ था। 

जमीन कब्जाने के मामले में दर्ज हुई एक और FIR
वायरल वीडियो और घटना के दिन जीडी में दर्ज सूचना के आधार पर विधायक सोलंकी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। बता दें कि दुर्गा विहार जाजमऊ निवासी विमल कुमार ने इरफान के खिलाफ तीसरा केस दर्ज कराया है। विमल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा विधायक ने बिल्डर हाजी वसी, शाहिद लारी, कमर आलम के साथ मिलकर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर सोलंकी समेत अन्य आरोपियों ने बाउंड्री वॉल गिरा कर दी। वहीं रंगदारी नहीं दिए जाने पर गाली-गलौज कर मारपीट की थी। पीड़ित विमल की तहरीर पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ धारा-386, 419, 420, 427, 504 और 3/4 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 के तहत के दर्ज किया है।

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