सार

यूपी के जिले वाराणसी को मुंबई में स्मार्ट एंड सक्सेसफुल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का अवॉर्ड मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से शहर को एक अलग ही पहचान मिल गई है। साल 2014 में भारत अभियान की शुरूआत की थी।

अनुज तिवारी
वाराणसी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुकाम तक पहुंचा रहे हैं। स्वच्छता के लिए काशी की सराहना देश भर में होने लगी है। शुक्रवार को मुम्बई में वाराणसी स्मार्ट सिटी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 'स्मार्ट एंड सक्सेसफुल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' कैटगरी में अवॉर्ड से नवाजा गया। धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का शहर काशी पहले गलियों के साथ ही गंदगी के लिए भी जाना जाता था। वजह थी पूर्व की सरकारों ने वाराणसी के विकास और यहां की स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अस्सी घाट से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की, जिसे योगी सरकार ने 'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी' अभियान बनाकर दुनिया के सामने ब्रांड काशी का उदाहरण पेश किया है। 

मुख्य महाप्रबंधन ने ग्रहण किया पुरस्कार 
योगी सरकार के कचरा प्रबंधन से प्रभावित आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने काशी का दौरा किया था और कचरा प्रबंधन के गुर सीखे थे। वाराणसी स्मार्ट सिटी ने इसमें विशेष भूमिका निभाई है, जिसका पुरस्कार प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र काशी को मिलने लगा है। मुंबई में स्मार्ट सिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की और से आयोजित सातवें स्मार्ट अर्बनेशन-2022 के लिए नगर निगम के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को स्मार्ट करने के लिए वाराणसी स्मार्ट सिटी को "स्मार्ट एंड सक्सेसफुल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कैटगरी में अवार्ड मिला है। यह अवॉर्ड काउंसिल के चेयरमैन प्रताप पडोडे ने वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ.डी वासुदेवन को एक भव्य समारोह में प्रदान किया। 

कार्बन उत्सर्जन में सुधार से अर्थव्यवस्था भी सुधरी
इस मौके पर स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन सोंथालिया भी मौजूद रहे। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि शहर की सफाई के साथ कचरे के निस्तारण तक का काम काफी अहम होता है, जो काशी वासियों के सहयोग से पूरा हो रहा है। ये अवॉर्ड बनारस के लोगों के सहयोग से संभव हुआ है। देश के 100 स्मार्ट सिटी में से वाराणसी को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है। अवॉर्ड समारोह के पहले पैनल डिस्कशन हुआ, जिसमें क्लाइमेट चेंज पर चर्चा करते हुए वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक ने 2014 के बाद वाराणसी में हुए प्रयासों का ज़िक्र किया और कहा कि एसटीपी प्लांट, पार्किंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, गोबरधन योजना के तहत बायोगैस आदि के संचालन से कार्बन उत्सर्जन को रोकने में मदद मिली है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है।

शहर को मिल चुके हैं अबतक 10 अवॉर्ड 
वाराणसी स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन सोंथालिया ने बताया कि वाराणसी स्मार्ट सिटी को शहर की विकास, कोविड, स्वच्छता समेत करीब 10 अवार्ड मिल चुका है। जिसमें प्रमुख है स्टार ऑफ़ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस में फर्स्ट रैंक, स्मार्ट सिटी लीडरशिप अवार्ड, कोविड इनोवेशन अवार्ड बाई एलीट्स मीडिया ग्रुप। इसके अलाव वाराणसी स्मार्ट सिटी को 4 श्रेणियों में भी स्मार्ट सिटी का अवार्ड मिल चुका है।

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