सार
लखीमपुर खीरी में अंधेरे में पानी पीने गए महंत को बाघ ने अपना निशाना बना लिया। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। जानकारी के अनुसार जिला का दुधवा टाइगर के जंगलों से निकले एक बाघ ने राम जानकी मंदिर के महंत मोहन दास को अपना निवाला बनाया।
लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के जिले लखीमपुर खीरी स्थित तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इससे पहले भी कई बार हुआ है कि शहर में जंगली जानवर घुसकर आंतक किया है। इसी कड़ी में शहर के खरेटिया गांव में राम जानकी मंदिर के महंत को शुक्रवार की रात एक बाघ ने अपना निवाला बना लिया। अंधेरे में पानी पीने गए महंत बाघ के निशाने में आ गए। जानकारी के अनुसार महंत मोहन दास पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में ही लगे नल पर गए थे, जहां दुधवा टाइगर के जगंल से निकला एक बाघ ने उनपर हमला कर दिया। जिसके बाद बाघ महंत को खींचकर दूर एक खेत में ले गया। रेंजर ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन रेंजर की बात मानने को तैयार नहीं थे।
महंत के चलते चप्पल इधर-उधर मिली
मंदिर के महंत को दूर खेत में ले जाकर अधखाई अवस्था में लाश छोड़कर वापस जंगल में भाग गया। इस घटना के एक चशमदीद वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मंदिर से थोड़ी दूर पर ही रहते हैं। शुक्रवार की शाम सात बजे वह और उनका नौकर महंत के लिए खाना लाए थे। जिसके बाद वह अपने घर चले गए। उसके थोड़ी देर बाद जब उनका नौकर वापस मंदिर की तरफ आया तो महंत वहां नहीं मिले। इसकी जानकारी नौकर ने फोन करके मुझे बताया। मौके पर पहुंचा तो महंत की चप्पल इधर-उधर पड़ी हुई थी।
शोर के बाद बाघ ने छोड़ दिया लाश
इसके बाद तलाश की तो देखा कि बाघ एक खेत में बैठकर उन्हें खा रहा था। जिसके बाद पड़ोसियों को बुला लिया और जोर से चिल्लाया। इस शोर के बाद बाघ ने लाश को छोड़ दिया और भाग निकला। महंत की मौत की सूचना पाकर भारी संख्या में लोग इकत्रित हो गए। साथ ही लोगों ने वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिल रहा था। जिसके बाद लोगों ने तिकुनिया खरेटिया मार्ग को जाम कर वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद रेंजर ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन रेंजर की बात मानने को तैयार नहीं थे।
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