स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख प्रकट किया है। इसी के साथ गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने इसे सिनेमा और संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि आज हम सब अनाथ हो गए हैं। उन्होंने इस दिन को काला दिन बताया है। 

लखनऊ: स्वर कोकिला भारत रत्न लगा मंगेशकर के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख प्रकट किया है। सीएम ने इसे अपूरणीय क्षति बताया है। वहीं गोरखपुर सदर सांसद रवि किशन ने भी इसे सिनेमा और संगीत जगत की सबसे बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिनेमा और संगीत जगत के लिए काला दिन है। 

सीएम योगी ने किया ट्वीट
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, स्वर कोकिला, 'भारत रत्न' आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन अत्यंत दुःखद और कला जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों व उनके असंख्य प्रशंसकों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!"

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केशव प्रसाद मौर्य ने बताया दुखद 
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा, विश्व की मशहूर गायिका, जीवनपर्यंत संगीत की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान देने वाली भारत रत्न सुर साम्राज्ञी आदरणीय लता मंगेशकर जी का निधन अत्यंत दु:खद है। दीदी जी का निधन संपूर्ण विश्व के संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

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'संगीत और सिनेमा जगत हुआ अनाथ'
रवि किशन ने कहा कि, यह बहुत दुखद खबर है कि स्वर कोकिला हमारे बीच नहीं रहीं। पूरा संगीत जगत, सिनेमा जगत आज अनाथ हो गया। आज हम सभी ने अपनी मां को खो दिया। लता जी भारत की पहचान थीं। लता दीदी ने संगीत को और आवाज को संस्कार, संस्कृति के साथ जो मुकाम दिया था वह भरपाई बड़ी मुश्किल है। सिनेमा जगत का आज सबसे काला दिन है। महादेव उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें। 

अस्पताल में ली अंतिम सांस 
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन को लेकर सभी दुखी हैं। भारत रत्न से सम्मानित वेटरन गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। उन्हें भारत की नाइटिंगेल कहा जाता है। दुनिया में मशहूर लता मंगेशकर ने तकरीबन 5 दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया है। उन्होंने 13 साल की उम्र में 1942 में करियर की शुरुआत की थी और उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में तकरीबन 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। 


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