सार

यूपी के जिले मथुरा में एक ऐसा अस्पताल का मामला सामने आया है कि मिस्टर इंडिया जैसे गायब स्टाफ नर्स अधिकारियों की मिली भगत से घर बैठे वेतन ले रही थी। यह पूरा खेल अधिकारियों की मिली भगत की वजह से चल रहा था। जिले के फरह स्वास्थ्य केंद्र पर अटैचमेंट होने के बाद वृंदावन से वेतन ले रही थी।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का स्वास्थ्य विभाग किसी न किसी बात को लेकर चर्चाओं में रहता है। कहीं हॉस्पिटलों में डॉक्टर नहीं आते तो कहीं स्टाफ नर्स मिस्टर इंडिया की तरह गायब होकर हर महीने अपना वेतन ले रही थी। अधिकारियों की मिली भगत के चलते पिछले एक वर्ष से स्टाफ नर्स हॉस्पिटल न आकर घर बैठे अपना वेतन ले रही थी। शासन में बैठे कुछ बड़े अधिकारियों की सांठगांठ के चलते मथुरा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। विभागीय जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई न होने के ऐसे कई उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे। 

स्वास्थ्य विभाग में हो रहे आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर छिछलेदारी की खबर आपको सुनने को मिल जाएंगी। ऐसा ही एक ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वृंदावन का सामने आया है। अप्रैल 2021 में स्टाफ नर्स अर्निका को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरह के लिए अटेचमेंट तत्कालीन मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रचना गुप्ता द्वारा एक आदेश जारी किया जाता है। लेकिन स्टाफ नर्स अर्निका द्वारा 2 दिसंबर 2021 तक ज्वाइन नहीं किया गया। 

अटेंडेंस मांगने पर नहीं दी जानकारी 
वृंदावन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उपस्थिति रजिस्टर से अर्निका का नाम मई से नवंबर तक गायब रहा। बावजूद इसके स्टाफ नर्स अर्निका वृंदावन से ही वेतन लेती रही। जब प्रभारी डॉक्टर स्वाति जडिया से बात की तो उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स अर्निका को अप्रैल 2021 में फरह अटेचमेंट कर दिया गया था। लेकिन वेतन वृंदावन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेती रही। जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से हमने अर्निका की अटेंडेंस मांगी तो आज तक नहीं दीं।

कोविड वैक्सीनेशन में कर रहीं काम
फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर रामवीर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 में स्टाफ नर्स अर्निका का अटेचमेंट जरूर हुआ था लेकिन ज्वाइन नहीं किया। दिसंबर में वृंदावन से ट्रांसफर होकर नियमित रूप से ज्वाइन किया है। फिलहाल कोविड वैक्सिनेशन में काम कर रहीं हैं। हमारे यहां नियमित पदों पर तीन स्टाफ नर्स की नियुक्ति हैं। स्टाफ नर्स अर्निका अतिरिक्त चल रही हैं। हमने विभाग से अतिरिक्त स्टाफ नर्स के लिए कोई मांग नहीं की फिर भी भेज दिया है। 

जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरह के प्रभारी ने मांग ही नहीं की तो किसके कहने पर अतिरिक्त स्टाफ नर्स को भेजा गया है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छाता के गेट हुए प्रसव के मामले में मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार वर्मा ने बताया था कि हमारे यहां स्टाफ की कमी है। हमने लखनऊ स्तर से मांग की है। तो क्या सीएमओ डॉक्टर अजय कुमार वर्मा को अपने स्टाफ के बारे में जानकारी नहीं है कि कहां पर अतिरिक्त है और कहां पर जरूरत है। 

जिला प्रशासनिक अधिकारी द्वारा गया निकाला
फरह पर तैनात अतिरिक्त स्टाफ नर्स अर्निका का वेतन कहां से और किस नियम के आधार पर निकल रहा है। तथा किस नियम के अनुसार अतिरिक्त पर रखा गया है। अप्रैल 2021 से नवंबर 2021 तक स्टाफ नर्स अर्निका का वेतन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर स्वाति जडिया और जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर अनुज कुमार द्वारा निकाला गया क्योंकि डॉक्टर अनुज कुमार यादव आहरण वितरण प्रभारी हैं। क्या डॉक्टर अनुज कुमार यादव ने स्टाफ नर्स अर्निका से संबंधित पत्रावाली नहीं देखी थी। क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर स्वाति जडिया और आहरण वितरण अधिकारी जिला प्रशासनिक डॉक्टर अनुज कुमार द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत स्टाफ नर्स अर्निका का वेतन निकाला गया। क्या योगी सरकार गायब रहकर वेतन लेने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई कर पाएगी।

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