सार
कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला है। एसपी कानपुर-बुंदेलखंड के मजबूत किले को भेद नहीं पाई है। बल्कि बीजेपी ने कन्नौज की तीनों सीटों पर कमल खिलाने का काम किया है। एसपी अपना गढ़ भी नहीं बचा पाई।
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) में प्रदेश की जनता ने बीजेपी को बहुमत दिया है। बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में लौट रही है। विधानसभा चुनाव के आकड़े देखे जाएं तो, उसकी सीटें जरूर कम हुई है। यदि कानपुर-बुंदेलखंड की बात की जाए तो 52 सीटों में से 41 सीटों पर कमल खिलाया है। कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला है। एसपी कानपुर-बुंदेलखंड के मजबूत किले को भेद नहीं पाई है। बल्कि बीजेपी ने कन्नौज की तीनों सीटों पर कमल खिलाने का काम किया है। एसपी अपना गढ़ भी नहीं बचा पाई।
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 52 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनावों के मुकाबले बीजेपी को 2022 के विधानसभा चुनाव में 6 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि कानपुर-बुंदेलखंड की 11 सीटें एसपी के खाते में गईं हैं। जबकि बीजेपी ने 50 सीटों पर कमल खिलाने का अनुमान लगाया था। वहीं एसपी, कांग्रेस और बीएसपी ने कानपुर-बुंदेलखंड के किले को भेदने के लिए खास रणनीति बनाई थी।
एक भी कदम नहीं बढ़ा हाथी
एसपी का यादव और मुस्लिम फैक्टर फिर भी काम आया। लेकिन कांग्रेस का लड़की हूं लड़ सकती हूं स्लोगन चुनावी परिणामों में नहीं बदल सका। वहीं बीएसपी की सोशल इंजीनियरिंग भी काम नहीं आई। बीएसपी का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और दलित वोटरों का सांमजस्य काम नहीं आया। बीएसपी और कांग्रेस का कानपुर-बुंदेलखंड में खाता भी नहीं खुल पाया। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कानपुर-बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि पूरे यूपी में बीएसपी का हाथी एक भी कदम आगे नहीं बढ़ा है।
इत्र नगरी हुआ भगवामयी
कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कन्नौज की तीन विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने कन्नौज में क्लीन स्वीप कर दिया। कन्नौज की तीनों सीटों पर कमल खिला है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव के पत्नी डिंपल यादव को हराकर कमल खिलाया था। इत्र नगरी कन्नौज पूरी तरह से भगवामयी हो गई है।
कन्नौज में क्लीन स्वीप
कन्नौज की सदर विधानसभा सीट पर एसपी का दो दशकों से कब्जा था। सदर सीट पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरूण को उतारा था। असीम अरूण ने अपनी साफ-सुथरी क्षवि के बल पर कन्नौज सदर विधानसभा क्षेत्रवासियों के दिल में जगह बना ली। बीजेपी के असीम अरूण ने एसपी के अनिल कुमार दोहरे को लगभग सात हजार वोटों से हराया है।