सार
उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में आजादी को बहुत ही जश्न के साथ मनाया जा रहा है। लोग तिरंगे के साथ अपनी तस्वीरें साझा कर रहें है तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। वह वीडियो कथित तौर पर शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय नगर ऐशबाग की है।
लखनऊ: पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में आजादी के अमृत महोत्सव में जहां पीएम मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया तो वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में विधानसभा पहुंच कर ध्वजारोहण किया। एक तरफ पूरा राज्य आजादी के महोत्सव को मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक विवादित वीडियो सुर्खियां बटोर रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में भारत माता के मुकुट को हटाकर हिजाब जैसा कपड़ा पहना रहे है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो शहर के शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय का है। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं है।
30 सेंकेड का वीडियो तेजी के साथ हो रहा वायरल
सोशल मीडिया पर 15 अगस्त के 75 साल पूरे होने पर लोग तिरंगे के साथ अपनी तस्वीरें डाल रहे, नेता जनता को शुभकामनाएं दे रहे तो वहीं दूसरी ओर अभिजात मिश्रा पूर्व राष्ट्रीय महामन्त्री भारतीय जनता युवामोर्चा ने ट्वीटर पर एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें एक नया विवाद खड़ा हो गया है। अभिजात मिश्रा की ओर से ट्वीट किए गए 30 सेंकेड के इस वीडियो में चार छात्र आते है और भारत माता बनी लड़की के सिर से एक बच्चा मुकुट को उतारकर नमाज पढ़ने के लिए हिजाब जैसा कपड़ा पहनाया गया। उसके बाद नमाज सभी नमाज पढ़ने वाली स्थिति में आ जाते है।
वायरल वीडियो में लोगों दे रहे अपनी प्रतिक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये क्लिप कथित तौर पर शिशु भारतीय विद्यालय मालवीय नगर, ऐशबाग की बताई जा रही है। जिसमें बच्चे भारत माता का ताज छीन कर जबरन नमाज अदा करते हुए नजर आ रहे है। वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है और लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग कर रहे है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी देनी शुरू कर दी है। एक यूजर ने लिखा कि अब लगता है योगी का खौफ खत्म हो गया इन लोगो में। तो वहीं दूसरे यूजर लिखते है कि आजाद भारत में भारत माता का अपमान नहीं सहेगा। यह राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत एक संज्ञेय अपराध है।
नोट: इस वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि Asianetnews हिंदी नहीं करता है।
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