सार

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की पीएम मोदी से मुलाकात को काफी मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। बता दें कि दिल्ली में करीब 8 महीने बाद दोनों नेताओं के दौरान करीब 90 मिनट तक चली मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। बता दें कि दिल्ली में 8 महीने बाद दोनों नेताओं के बीच हुई यह मुलाकात करीब 90 मिनट तक चली। सियासी नजरिए से इस लंबी मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। 2024 की जमीन मजबूत करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच मंथन किया गया है। साथ ही यूपी बीजेपी के नए संगठन और यूपी में 6 MLC सीटों के ऐलान पर चर्चा हुई है। इस मुलाकात के दौरान की सामने आई तस्वीर में सीएम योगी के हाथ में एक फाइल थी। इस फाइल में क्या था। इसे लेकर लखनऊ में पंचम तल से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस फाइल में योगी सरकार के 13 मंत्रियों के विदेश दौरे की रिपोर्ट थी। 

निकाय चुनाव को लेकर पीएम संग चर्चा
बता दें कि इससे पहले सीएम योगी ने अप्रैल 2022 में पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। रामपुर, खतौली और मैनपुरी उपचुनाव के बाद अब भाजपा निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। सीएम योगी पर निकाय चुनाव की जिम्मेदारी है। मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने चुनाव में जीत को लेकर तैयार की गई रणनीति पर पीएम मोदी से बात की है। इसके अलावा उन सीटों पर चर्चा की गई है। जहां से भाजपा आज तक निकाय चुनाव में नहीं जीती है। निकाय चुनाव को लेकर मंत्रियों की जिम्मेदारियों को तय किया गया है। वहीं संगठन के पदाधिकारियों के नाम पर भी चर्चा की गई है। फिलहाल बीजेपी भी निकाय चुनाव के नए आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है। 6 विधान परिषद सदस्यों को यूपी के कोटे से नामित किया जाना है।

MLC के नामों पर भी लिया गया फैसला
संगठन की ओर से MLC नामित करने को लेकर 22 नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गए हैं। सीएम ने इस दौरान BJP की राष्ट्रीय टीम के साथ नामित किए जाने वाले नामों को लेकर भी पीएम से चर्चा की। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी की किताब लिखने वाले शांतनु गुप्ता को इस बार MLC बनाए जाने की उम्मीद है। साथ ही संगठन से दो पदाधिकारियों को MLC बनाए जाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। एक MLC सांस्कृतिक कोटे से भी बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की नई टीम में से कुछ पुराने चेहरों को हटाया जाना है। बता दें कि इसमें कई ऐसे चेहरे हैं, जो पिछले कई बार से बड़े पदों पर काबिज है। दिल्ली की टीम द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि यूपी बीजेपी में नए चेहरों को शामिल किया जाए।

नए चेहरों को दी जाएगी जगह
नए पदाधिकारियों को तलाश करके जातिवार तरीके से जिम्मेदारी सौंपे जाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इस दौरान वर्ष 2024 में नए चयन यानि की जातिगत समीकरण का ध्यान रखा जाना है। ऐसे में यदि एक सप्ताह के अंदर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ तो निकाय चुनाव के बाद बीजेपी नई टीम का गठन करेगी। वहीं अगर हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण लागू किए जाने की वजह से चुनाव टलता है तो मकर संक्रांति के बाद कभी भी बीजेपी अपनी नई टीम के गठन का ऐलान कर सकती है। दिल्ली में इस अहम बिंदू को लेकर दोनों नेताओं के बीच मंथन किया गया है। वहीं इस मुलाकात के दौरान सबसे अहम बात वर्ष 2023 में 10 से 12 फरवरी में यूपी में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का होना है। 

ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट की तैयारियों पर हुई बात
उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 16 देश से 7.12 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव हुआ है। बता दें कि योगी सरकार के 13 मंत्री 16 देशों के दौरे पर हैं। एमओयू साइन वाली एक रिपोर्ट पीएम मोदी को दी गई है। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान सीएम योगी के हाथ में जो फाइल है, उस फाइल में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में जो तैयारियां और लक्ष्य रखा गया है। उसकी रिपोर्ट है। फिलहाल कोरोना वायरल के केसों को मद्देनजर रखते हुए ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट को समय से कराए जाने या आगे बढ़ाए जाने पर भी पीएम मोदी से सीएम योगी की बात हुई है।

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