सार
लखनऊ में मदरसे में बच्चों को जंजीरों से बांधकर पीटने के मामले में सीडब्ल्यूसी के सामने किशोरों ने बयान दर्ज कराए। उनकी दास्तां सुनकर वहां मौजूद लोग भी दंग रह गए। मामले को पुलिस के द्वारा भी दबाने का प्रयास किया गया था।
लखनऊ: गोसाईगंज के शिलवर में बच्चों को मौलवी द्वारा जंजीर में बांधकर पीटने के मामले में बच्चों ने अपनी दर्दभारी दास्तां सुनाई। यहां छोटी सी भी गलती होने पर उनके हाथ-पैर में बेड़ियां डालकर ताला जड़ दिया जाता है। उन्हें लाठियों से बुरी तरह से पीटा जाता है। यहां तक शिक्षक उन्हें धमकाते हैं और गाली-गलौज भी करते हैं।
सोमवार को परिजनों के साथ पुनः दर्ज होंगे बयान
बच्ची सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के अध्यक्ष रविंदर सिंह जादौन के पास पहुंचे। वहां छात्र शहवाज और राजू ने फूट-फूटकर रोने के साथ ही दोबारा मदरसा जाने से इंकार कर दिया। मदरसे के शिक्षकों की क्रूरता की कहानी सुनकर सभी लोग थर्रा गए। बच्चों के बयानों का संज्ञान लेते हुए मदरसे के खिलाफ कार्रवाई के लिए किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखा गया है। मामले में अब किशोर न्याय बोर्ड कार्रवाई करेगा। अध्यक्ष रविंदर सिंह जादौन ने कहा कि बच्चों को माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है और सोमवार को उन्हें परिजनों के साथ आकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया।
पुलिस ने भी किया मामले को दबाने का प्रयास
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि उन्हें जब इस मामले की जानकारी हुई तो उनके द्वारा स्वतः संज्ञान लिया गया। मामले में जब गोसाईगंज पुलिस से बात की गई औऱ पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई तो उसके बाद ही एक दारोगा और दो सिपाही बच्चों को लेकर वहां पहुंचे। मामले में जब एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे वहां से भाग जाते थे। इसके बाद ही माता-पिता ने उन्हें बांधकर रखने के लिए कहा। मामले में लिखित जानकारी भी दी गई। इसी के साथ कहा गया कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहते। मामले की रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भी भेज दी गई।
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