सार
डेंगू का प्रकोप पूरे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। यूपी सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर 55 हजार लीटर मिट्टी के तेल की मांग की है। डेंगू के कहर को कम करने के लिए मलेरिया विभाग पैथराम में मिलाकर छिड़काव करता है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डेंगू के लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए है कि कोविड प्रबंधन की तर्ज पर अब डेंगू की रोकथाम के लिए जिन अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था, वहीं अब डेंगू के लिए डेडीकेटेड अस्पताल होंगे। दूसरी ओर डेंगू के प्रकोप को बढ़ता देख राशन की दुकानों पर केरोसिन वितरण की मांग तेजी से उठ रही है। खाद्य एवं रसद विभाग का कहना है कि उसके पास केवल बचा हुआ और रिजर्व में रखा स्टॉक ही है। इस वजह से राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल मांगा है।
केरोसिन के वितरण को लेकर उठ रही है मांग
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राशन की दुकानों पर केरोसिन वितरण की मांग तेजी से उठ रही है क्योंकि मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। खास तौर पर डेंगू और मलेरिया से लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। इस वजह से लोगों को मच्छर और उसका लार्वा मारने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग भी कह रहा है कि अगर घर के आसपास जहां भी पानी जमा देखें वहां मिट्टी के तेला का छिड़काव अवश्य करे दें। कूलर के इस्तेमाल से भी बचने के लिए कहा जा रहा है। दरअसल केरोसिन मच्छर और इसके लार्वा दोनों को ही मार डालता है। हालांकि अब राशन की दुकानों पर मिट्टी के तेल का वितरण बंद हो गया है तो लोग मांग कर रहे हैं कि इसका वितरण फिर से शुरू किया जाए।
पैथराम मिलाकर मलेरिया विभाग करता है छिड़काव
दूसरी ओर राशन विक्रेता भी इस बाबत दिल्ली तक जाकर मांग कर चुके हैं। उन सबका कहना है कि इस मौसम में मिट्टी में तेल बंटना चाहिए। इसकी मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को कोटा जारी करना चाहिए। इसके अलावा खाद्य एवं रसद विभाग रिजर्व में रखे केरोसिन को बेचने की तैयारी कर रहा है। साल 2021 का बचा हुआ केरोसिन भी कुछ जिलों में ही रखा है, इसको भी बेचा जाएगा पर सिर्फ मलेरिया विभाग को वो भी सिर्फ व्यावसायिक दर पर। इस वजह से आम जनता को कोई खास लाभ नहीं होने वाला है। केरोसिन में मलेरिया विभाग पैथराम मिलाकर छिड़काव करता है। फिलहाल खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव दिव्य प्रकाश ने पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय को पत्र लिखकर 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराने को कहा है।