सार
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश बसपा की कार्यकारिणी भंग करने के साथ ही अपने भतीजे आकाश आनन्द को बसपा का राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने तीन चीफ कोआर्डिनेटर बनाए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बहुजन समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार के बाद पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को समीक्षा बैठक में कई बड़े फैसले लिए है। मायावती ने बसपा उत्तर प्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिए है। इसी के साथ तीन चीफ कोऑर्डिनेटर की नियुक्त की गई। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश बसपा की कार्यकारिणी भंग करने के साथ ही अपने भतीजे आकाश आनन्द को बसपा का राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बनाया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आंनद को बड़ी जिम्मेदारी दी है।
राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर अपने भतीजे आकाश आनंद को है बनाया
राजधानी लखनऊ में मायावती ने रविवार को प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला अध्यक्ष को छोड़कर यूपी की सारी कार्यकारणी को भंग कर दिया है। बसपा सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश के लिए तीन चीफ कोआर्डिनेटर बनाए हैं। बुलंदशहर के राजकुमार गौतम, मेरठ के मुनकाद अली तथा आजमगढ़ के विजय कुमार को प्रदेश के सभी कोआर्डिनेटर रिपोर्ट करेंगे। अब राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर अपने भतीजे आकाश आनंद को बनाया है। इतना ही नहीं तीन चीफ कोआर्डिनेटर की नियुक्ति भी की गई है। अब तीन चीफ कोआर्डिनेटर अन्य कोआर्डिनेटर पर निगाह रखेंगे। मायावती ने बैठक के दौरान ही शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव के बसपा का उम्मीदवार घोषित किया।
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की बसपा में हुई वापसी
इसी के साथ बसपा में विधायक दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की घर वापसी भी करवाई गई। गुड्डू जमाली की घर वापसी के साथ ही माना जा रहा है कि उन्हें आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में बसपा का प्रत्याशी बनाया जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा को 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली थी। सिर्फ बलिया की रसड़ा सीट पर जीत मिलने के बाद मायावती की चिंताए बढ़ गई हैं। इसी को लेकर मायावती ने सभी प्रत्याशियों के सात पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों की भी बैठक लखनऊ में बुलाई। इस दौरान उन्होंने बड़ा कदम उठाया।
बसपा का लगातार घटता रहा ग्राफ
मायावती की अध्यक्षता में बसपा के प्रदेश कार्यालय पर बैठक में सेक्टर प्रभारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी, बामसेफ तथा भाईचारा कमेटी के संयोजक भी मौजूद थे। 2007 में 206 सीट के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बसपा को 2012 में 80 और 2017 में 19 सीट मिली थीं। इसके बाद पार्टी को 2022 में सिर्फ एक सीट मिली है। 2007 में सपा को 97, भाजपा को 51 तथा कांग्रेस को 22 सीट मिली थीं। बसपा का लगातार घटता ग्राफ पार्टी की मुखिया मायावती के लिए बड़ी चिंता का कारण बन रहा है।
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