सार

बसपा सुप्रीमो मायावती जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान पर व्यापारियों के समर्थन में उतरी हैं। मायावती ने व्यापारियों पर की जा रही छापेमारी के खिलाफ सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार की गलत नीतियों और कार्यशैली को दोषी ठहराया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में राज्य वाणिज्यकर विभाग ने छापेमारी कर टैक्स चोरी को पकड़ा है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। जिसको लेकर व्यापारियों में खासा गुस्सा है। बता दें कि  GST को लेकर व्यापारियों पर की जा रही छापेमारी के खिलाफ बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने इस दौरान सरकार की गलत नीतियों और कार्यशैली को दोषी ठहराया है। बसपा प्रमुख ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि व्यापारी वर्ग आज पीड़ित है। व्यापारी GST सर्वे में छापेमारी से तंग होकर बाजार बंद करके सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर हो गया है।

सरकार की नीतियों औऱ कार्यशैली को बताया जिम्मेदार
बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार को इसका फौरन निवारण करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि गरीबी और बेरोजगारी के इस कठिन समय में लोगों को काफी घाटा हुआ है। क्रय शक्ति काफी ज्यादा घट गई है। लेकिन इसके बावजूद भी दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर मजदूर वर्ग GST की महंगी दर चुकाने को मजबूर है। मायावती ने कहा इसके बाद भी सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी है? इस दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों और कार्यशैली को इसका जिम्मेदार बताया है।

नाराज व्यापारी कर रहे थे आंदोलन
बता दें कि नोएडा से लेकर सीएम के शहर यानि कि गोरखपुर, बस्ती, चित्रकूट आदि जिलों में  GST की रेड डाली गई। जिसके विरोध में कई शहरों के व्यापारी दुकान बंद करके सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आए। जिसके बाद छापेमारी बंद न होने की स्थिति में व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंदी की चेतावनी दी थी। बता दें कि GST का पंजीकरण न कराने वाले व्यापारियों पर रेड की गई है। हालांकि व्यापारियों की नाराजगी और आंदोलन के कारण जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई गई है। जीएसटी चोरी के खिलाफ अभियान पर विभाग का कहना है कि बैंक की लेन देन और कर चोरी की स्थानीय सूचना पर रेड की गयी है।

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