सार

55 साल का शख्स शादी की आस में पिछले 9 साल से सरकारी विभाग के चक्कर लगा रहा है। ताकि उसे कोई दुल्हन मिल जाए। शख्स रोज सुबह बसंती की तलाश में विभाग के दफ्तर पहुंच जाता है और शाम को मायूस घर लौट आता है।

मेरठ (Uttar Pradesh). 55 साल का शख्स शादी की आस में पिछले 9 साल से सरकारी विभाग के चक्कर लगा रहा है। ताकि उसे कोई दुल्हन मिल जाए। शख्स रोज सुबह बसंती की तलाश में विभाग के दफ्तर पहुंच जाता है और शाम को मायूस घर लौट आता है। 

क्या है पूरा मामला
मेरठ के रहने वाले वीरू को अपनी बसंती की तलाश है। इनकी हाइट साढ़े 3 फीट है। वो कहते हैं, घर में मां मेरा ख्याल रखती थी। उनके देहांत के बाद मेरे बारे में सोचने वाला कोई नहीं बचा। पिता जी का पहले ही देहांत हो चुका है। शादी हो जाती तो मेरा भी घर बस जाता। लेकिन मेरी हाइट की वजह से कोई लड़की नहीं मिल रही। इसी चलते रोज समाज कल्याण दफ्तर जाता हूं। अब तो बसंती को ढूंढ़ते ढूंढ़ते मेरे बाल तक सफेद हो गए हैं। 

हाइट के अलावा ये भी है शादी नहीं हो पाने का कारण
वीरू कहते हैं, बेरोजगारी भी मेरी शादी नहीं हो पाने के पीछे बड़ा कारण है। अगर सरकार मुझे रोजगार उपलब्ध करा दे तो यकीनन मेरी शादी हो जाएगी। फिर चाहे लम्बाई में दुल्हन साढ़े तीन फीट के आसपास की हो या न हो। रोजगार मिलने के बाद तो लंबी लड़कियां भी मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो जाएंगी।
 
विभाग के अफसरों का क्या है कहना
वीरू के बारे में समाज कल्याण अधिकारी कहते हैं, विभाग का काम दुल्हन ढूंढना नहीं है। अलबत्ता अगर वो खुद दुल्हन ढूंढ लें तो शादी अवश्य करा दी जाएगी। 

क्या शादी करवाता है समाज कल्याण विभाग 
बता दें, समाज कल्याण विभाग कई तरह की जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन करता है। शादी के लिए अनुदान योजना के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार (15000 से कम आय व बीपीएल कार्डधारक)की बेटियों के विवाह के लिए एकमुश्त 50 हजार की आर्थिक सहायता मिलती है। इसके अलावा विभाग की तरफ से सामूहिक विवाह का आयोजन भी कराया जाता है।