सार

यूपी के जिले शामली के मूल निवासी विजय ने मुजफ्फरनगर पहुंचकर एसएसबी जवान की विधवा को उसके अधिकार दिलाने को लेकर आवाज उठाई है। इतना ही नहीं विजय ने अपने शरीर में पुलवामा, उरी तथा पठानकोठ हमले में शहीद हुए जवानों के नाम अपने शरीर में गुदवा रखे हैं। 

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के जिले मुजफ्फरनगर में एक शख्स ने अग्नीवीर भर्ती को लेकर असहमति जताई है तो वहीं दूसरी ओर एसएसबी जवान की विधवा को उसके अधिकार दिलाने के लिए आवाज बुलंद की है। राज्य के शामली जिले के गांव भारसी निवासी विजय हिंदुस्तानी ने मुजफ्फरनगर पहुंचकर एसएसबी जवान की विधवा के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे। इतना ही नहीं विजय ने अपने शरीर पर शहीदों के नाम के टैटू भी गुदवा रखे है। 20 सितंबर से जिले में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसको लेकर सवाल खड़े किए है।

सेना के जितना हो अग्निवीर का कार्यकाल
विजय हिंदुस्तानी के अनुसार अग्निवीर भर्ती को लेकर कहना है कि युवका का करियर चौपट हो जाएगा। सेना के मनोबल पर भी प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि अग्निवीर भर्ती के द्वारा जवानों का कार्यकाल भी सेना के जवान जितना ही होना चाहिए। इससे देश की सुरक्षा को काफी मजबूती मिलेगी। दरअसल शामली निवासी विजय हिंदुस्तानी के दिल में देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी है। पुलवामा हमले के बाद उन्होंने अपने शरीर पर शहीद हुए सैनिकों के नाम के टैटू गुदवाए थे। तब से आज तक विजय ने पुलवामा समेत उरी, पठानकोठ तथा अनंतनाग हमलों व कारगिल के 127 शहीदों के नाम अपनी कमर पर गुदवा चुके हैं।

सैंकड़ों शहीदों की अंतिम यात्रा में हो चुके हैं शामिल
देश में पुलवामा हमले के बाद कश्मीर की यात्रा के लिए निकले विजय हिंदुस्तानी को सहारनपुर में 25 फरवरी 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया था। इतना ही नहीं विजय सेना के सैंकड़ो शहीदों की अंतिम यात्रा में शामिल हो चुके हैं। उत्तरांचल विश्वविद्यालय से कानूनी की पढ़ाई कर रहे विजय हिंदुस्तानी मुजफ्फरनगर SSB जवान की विधवा पत्नी के लिए डीएम कार्यालय पहुंचकर आवाज उठाई है। इस प्रकार की देशभक्ति की भावना बहुत ही कम लोगों में देखने को मिलती है कि शहीदों के नाम अपने शरीर में गुदवा रखे हो लेकिन ऐसा शामली के विजय ने कर रखा है।

SSB जवान की विधवा को पेंशन दिलाने की गुहार
प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के कृष्णापुरी निवासी एसएसबी जवान अंकित कुमार रानीघुली कोकराझार असम में 26 मई 2022 को शहीद हो गए थे लेकिन अभी तक उनकी पत्नी को पेंशन शुरू नहीं हो पाई है। विजय का कहना है कि एसएसबी अधिकारियों ने अंकित की विधवा शिवानी को शीघ्र ही पेंशन तथा अन्य अनुमन्य लाभ दिलाने का आश्वासन दिया था। कई महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक शिवानी की पेंशन शुरू नहीं हो पाई है। इसी बात की गुहार लगाने के लिए वह अंकित के परिवार के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे थे।

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