सार

राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो अखिलेश यादव और अन्य दलों के बीच हो रही तनातनी की असल वजह समाजवादी पार्टी को यूपी में विधानसभा चुनाव के बाद आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार बताई जा रही है। आपको बता दें कि हाल ही में सपा के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर ने  'प्रेशर पॉलिटिक्स' का दाव खेलने की शुरुआत कर दी है। 
 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीते साल 2012 में बहुमत की सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) 2022 के आते आते अपनी राजनीति और संबंधों के बीच सिमटती चली गई। लिहाजा, अब प्रदेश के साथ साथ देश की राजनीति में राहुल गांधी (Rahul gandhi) के बाद राजनीति के दूसरे सबसे युवा चेहरे के रूप में देखे जाने वाले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अपने ही दलों ने आंख दिखाना शुरू कर दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो अखिलेश यादव और अन्य दलों के बीच हो रही तनातनी की असल वजह समाजवादी पार्टी को यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) के बाद आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर लोकसभा (rampur Loksabha By-election) उपचुनाव में मिली हार बताई जा रही है। आपको बता दें कि हाल ही में सपा के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने  'प्रेशर पॉलिटिक्स' का दाव खेलने की शुरुआत कर दी है। सहयोगी दलों की ओर से लगातार हो रही बयानबाजी के बाद अब सपा का अस्तित्व यूपी के खतरे की ओर से दिखाई दे रहा है। 

ओपी राजभर की प्रेशर पॉलिटिक्स, अखिलेश के राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल 
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष  ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर दवाब बनाते हुए प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। ओपी राजभर पिछले दो दिनों से मीडिया में आकर अखिलेश यादव को राजनीति का पाठ पढ़ाते हुए अखिलेश के पॉलिटिकल करियर पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने अपने बयानों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की है कि अखिलेश यादव एक कमजोर नेता हैं जिनके नेतृत्व में पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। इतना ही नहीं, हाल ही में सामने आए एक बयान में ओपी राजभर यहां तक कहने से नहीं चूके कि अखिलेश मुलायम सिंह यादव के बेटे होने की वजह से यूपी के सीएम के रूप में चुने गए। 

राजभर ने अखिलेश से की लोकसभा की 20 सीटों की मांग, कहा - कैसे नहीं देंगे?
ओपी राजभर ने आगामी 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर भी प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। राजभर ने कहा है कि लोकसभा की 80 सीटों में से सपा 60 सीटों पर लड़े और बाकी 20 सीटें सहयोगी दलों को दे। राजभर के इस बयान पर जब ओपी राजभर से सवाल किया गया कि यदि अखिलेश यादव ऐसा नहीं करते हैं तो। इस अवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि कैसे नहीं देंगे, क्यों नहीं देंगे? इसके अलावा राजभर ने अखिलेश यादव को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था कि अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की वजह से सीएम बने थे। अपने दम पर वो एक भी चुनाव नहीं जीते।


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