सार
यूपी के पीलीभीत में एक बुजुर्ग घायलावस्था में घर से चंद कदम की दूरी पर पड़ा मिला। बुजुर्ग के गले पर ब्लेड से हमला किया गया है। वहीं मृतक के परिजन इस मामले को आत्महत्या बता रहे हैं। हालांकि पुलिस हत्या और आत्महत्या के मामले पर जांच कर रही है।
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। जिले के सुनगढ़ी थाना क्षेत्र की राजीव कॉलोनी निवासी 60 वर्षीय रामसिंह अपने घर से कुछ दूरी पर घायलावस्था में पड़े मिले। उनका गला कटा हुआ था और खून बह रहा था। जिसके बाद उनको आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शुरूआती जांच में सामने आया है कि रामसिंह ने बीमारी से परेशान होकरआत्महत्या की है। रामसिंह के छोटे भाई रमन पाल ने बताया कि वह पड़ोस के मकान में रहते थे। मृतक के भाई ने बताया कि वह पिछले आठ साल से मानसिक रूप से बीमार थे। जिसका इलाज चल रहा था। वहीं एक साल पहले रामसिंह ने दवा का सेवन ज्यादा कर लिया था। जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था।
बुजुर्ग के गले पर था ब्लेड का निशान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह रामसिंह हर रोज की तरह चाय पीने के बाद मोहल्ले में टहलने चले गए। इसके बाद सुबह करीब साढ़े आठ बजे के आसपास कुछ लोगों ने उन्हें घर से 20 कदम की दूरी पर खून से लथपथ पड़े देखा तो मामले की जानकारी उनके छोटे भाई को दी गई। घटना की सूचना मिलने पर एएसपी डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी, सीओ सिटी सुनील दत्त, सुनगढ़ी इंस्पेक्टर मदन मोहन चतुर्वेदी ने मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल पर चारपाई और जमीन पर खून पड़ा हुआ था। पुलिस ने शव को कब्जे में लोकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों का कहना है गले पर ऐसे निशान की स्थिति हत्या और आत्महत्या दोनों ही केसों में हो सकती है।
परिजनों ने जताया आत्महत्या का संदेह
बताया जा रहा है कि जब घायल रामसिंह को उनकी किराएदार चंद्रकली ने देखा तो रामसिंह ने उससे कहा कि मुझे बचाना मत, मैं मर जाना चाहता हूं। वहीं एसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि हत्या और आत्माहत्या दोनों एंगलों पर मामले की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले रामसिंह के 5-6 साल के नातिन ने उन्हें घायल देखा था। हालांकि बच्ची ने क्या देखा और क्या सुना इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है। पुलिस का मानना है कि कई तथ्य ऐसे हैं जिनसे मामला संदेह में हैं। पुलिस के अनुसार, मृतक के पास से एक ब्लेड मिली है। जिसमें खून के निशान है। अमूमन लोग बल्ड से कलाई या फिर नस काटते है। लेकिन ब्लेड से कला काटना इस मामले को संदेह के घेरे में डाल रहा है।
पुलिस हर एंगल पर कर रही मामले की जांच
बुजुर्ग का गला कमरे में काटा गया है। ऐसे में अगर उसने अपना गला खुद काटा है तो फिर ब्लेड वापस अलमारी में कैस पहुंची। इस बात का भी जवाब अभी तक पुलिस को नहीं मिला है। मृतक रामसिंह के बेटे अनमोल ने भी किसी पर शक नहीं जाताया है। जिला अस्पताल की साइकोथेरेपिस्ट डॉ. पल्लवी के अनुसार, हर मानसिग रोगी आत्महत्या नहीं करता है। खुद को नुकसान पहुंचाने वाले रोगी डिप्रेशन का शिकार होते हैं। डॉक्टर का कहना है कि इस तरह के रोगी किसी एक जगह पर खुद को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। वह कलाई, नस और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी ब्लेड चला सकते हैं। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।