सार
काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath corridor) का उद्घाटन करने वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार आधी रात को विश्वनाथ धाम पहुंचे। इसके बाद वह बनारस रेलवे स्टेशन गए।
वाराणसी। काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath corridor) का उद्घाटन करने वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोमवार आधी रात को विश्वनाथ धाम पहुंचे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी उनके साथ मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में हुए प्रमुख विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि हमारा प्रयास है कि इस पवित्र शहर के लिए सर्वोत्तम संभव बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए।
काशी विश्वनाथ धाम से रात 1 बजकर 13 मिनट पर पीएम मोदी बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने प्लेटफार्म पर साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को देखा और स्टॉल पर मौजूद दुकानदारों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस संबंध में नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि हम रेल संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ, आधुनिक और यात्री अनुकूल रेलवे स्टेशनों को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री ने देर रात विकास कार्य देखने के लिए सड़क पर निकलने का फैसला किया ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। दिन में प्रधानमंत्री के निकलने पर यातायात बंद होने से लोगों को काफी परेशानी होती।
दो दिन के वाराणसी दौरे पर हैं मोदी
प्रधानमंत्री दो दिन के वाराणसी दौरे पर हैं। वह सोमवार सुबह पौने ग्यारह बजे काशी पहुंचे। सवा ग्यारह बजे उन्होंने काल भैरव मंदिर में पूजा की। पूजा के बाद वे पैदल ही खिड़किया घाट तक गए। यहां से मोदी क्रूज में बैठकर ललिता घाट पहुंचे। ललिता घाट से गंगाजल लेकर मोदी काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। गंगाजल से बाबा का अभिषेक किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। इसे 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। लोकार्पण के बाद वह गंगा आरती देखने के लिए दशाश्वमेध घाट पहुंचे। घाट के सामने मौजूद क्रूज से उन्होंने आरती और लेजर शो देखा। वह रविदास घाट से विवेकानंद क्रूज में सवार होकर दशाश्वमेध घाट पहुंचे। इससे पहले उन्होंने रविदास घाट पर संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मोदी ललिता घाट से अलकनंदा क्रूज के जरिए रविदास घाट पहुंचे थे।
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