सार

आजादी के अमृत महोत्सव के बीच में पुलिस राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वालों के साथ सख्ती से पेश आएगी। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ध्वज को फहराने के सही नियम क्या हैं। ध्वज के अपमान पर 3 साल की सजा हो सकती है।

लखनऊ: भारत आजादी के 75वें वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के जश्न के तौर पर मना रहा है। इसके लिए हर घर तिरंगा फहराने का अभियान भी शुरु हुआ है। इस अभियान में जुड़कर लोगों ने अपने घरों और दुकानों में झंडा लगा रखे हैं। लेकिन इस दौरान कहीं राष्ट्रीय ध्वज के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर भी प्रशासन कड़ी नजर रखेगी। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पुलिस के सामने सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही ध्वज के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर भी नजर बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।

पुलिस रखेगी कड़ी नजर
डीजीपी मुख्यालय ने इसके लिए कड़ाई से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। हर घर तिरंगा अभियान के दौरान तिरंगे का अपमान करने वालों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आएगी। अराजक तत्वों द्वारा तिरंगे के अपमान करना, तिरंगा फाड़ने और जलाने जैसी घटनाओं के बारे में जानकारी होते ही आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय ध्वज का अपमान या तिरस्कार करने वाले को तीन वर्ष की सजा का भी प्रावधान है। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान व तिरस्कार को लेकर एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से सभी जिलों की पुलिस को विस्तृत निर्देश भी दिए गए हैं।

अपमान करने वालों पर होगी कड़ी कार्यवाही
तिरंगा से जुड़े संदेशों की निगरानी इंटरनेट मीडिया द्वारा की जा रही है। इस दौरान वायरल हो रहे मैसेज और वीडियो पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी भी तरह के भ्रामक या आपत्तिजनक मैसेज या वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ फौरन कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है कि सही तरीके से ध्वज फहराने और उसके सम्मान के बारे में लोगों को जागरुक किया जाए। तिरंगे का अपमान करने वालों के खिलाफ तुरंत कठोर कार्यवाही की जाए। तिरंगे को किस तरह फहराने से सम्मान होगा और किस तरह से अपमान इसके लिए भी कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

इस तरह से फहराने पर होगा ध्वज का अपमान
सांस्कृतिक व खेलकूद और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों पर कागज का बना तिरंगा हाथ में लेकर लहराया जा सकता है। कार्यक्रम पूरा होने के बाद न तो ध्वज को फेंका जाए और न ही इसे फेंका जाए। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे तिरंगे का अपमान समझा जाएगा। साथ ही किसी व्यक्ति या वस्तु के अभिवादन में राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना, तिरंगे को झुका हुआ ही फहराना, तिरंगे का कमर के नीचे प्रयोग करना, किसी जगह, मंच या प्रतिमा को तिरंगे द्वारा ढके जाने पर इसे ध्वज का अपमान माना जाएगा। ध्वज में केसरिया रंग को यदि नीचे की ओर किया जाता है तो इसे भी ध्वज के अपमान की श्रेणी में माना जाएगा।

लखनऊ में 15 अगस्त को मुफ्त में दिखाई जाएंगी फिल्में, जानें किन सिनेमा घरों में देखने का मिलेगा मौका