सार

पुलिस द्वारा जब्त की गई गाड़ी से ही घूमने निकले कुछ पुलिसकर्मियों को यात्रा मंहगी पड़ गई। दरअसल जब  कार के मालिक को इसकी जानकारी हुई तो उसने GPS से गाड़ी लॉक कर दिया। जिसके बाद पुलिस टीम गाड़ी के अंदर की बंद हो गई। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद कार मालिक ने लॉक खोला तब पुलिस टीम की जान में जान आई। यह बात जब पुलिस कमिश्नर तक तो उन्होंने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में तैनात इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया।

लखनऊ(Uttar Pradesh ). पुलिस द्वारा जब्त की गई गाड़ी से ही घूमने निकले कुछ पुलिसकर्मियों को यात्रा मंहगी पड़ गई। दरअसल जब  कार के मालिक को इसकी जानकारी हुई तो उसने GPS से गाड़ी लॉक कर दिया। जिसके बाद पुलिस टीम गाड़ी के अंदर की बंद हो गई। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद कार मालिक ने लॉक खोला तब पुलिस टीम की जान में जान आई। यह बात जब पुलिस कमिश्नर तक तो उन्होंने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में तैनात इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया। 

दरअसल मंगलवार शाम गोमती नगर थाना क्षेत्र में एक होटल के बाहर एक कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। मामला पुलिस की जानकारी में आया तो पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने ये मामला सुलझा लिया, लेकिन एक पक्ष के अखंड सिंह की कार को पुलिस ने गोमतीनगर थाने में ही खड़ा कर लिया। इंस्पेक्टर गोमतीनगर ने गाड़ी  मालिक को अगले दिन सुबह आने को कहा गया। दूसरे दिन सुबह गोमतीनगर पुलिस को सरकारी काम से लखीमपुर खारी जाना था। पुलिस कर्मी थाने में खड़ी अखंड की कार लेकर ही लखीमपुर निकल गए। उधर जब सुबह अखंड अपनी कार लेने गोमतीनगर थाने पहुंचा तो उसकी कार वहां नहीं थी। उसने जब कार के बारे में पूंछा तो पुलिस कर्मी गोलमोल जवाब देने लगे। 

हाईटेक सिस्टम से लैस थी कार 
अखंड की कार हाईटेक सिस्टम से लैस थी। ये बात शायद पुलिसवालों को नहीं पता थी। अखंड को जब पुलिस ने कार के बारे में सही जवाब नहीं दिया तो उसने गाड़ी में लगे GPS के माध्यम से उसकी लोकेशन ट्रेस की। उसमे उसे पता चला कि उसकी कार लखीमपुर में है। इससे गुस्साए अखंड सिंह ने गाड़ी को GPS सिस्टम की मदद से वहीं लॉक कर दिया। जिसके बाद गाड़ी में मौजूद सारे पुलिस वाले उसी में फंस गए। गाड़ी न तो स्टार्ट हो रही थी न ही उसका दरवाजा खुल रहा था। पुलिस वाले तकरीबन डेढ़ घंटे तक गाड़ी में फंसे रहे। 

पुलिस ने की मिन्नतें तो खोला लॉक 
जब गोमतीनगर थाने की पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो वह अखंड से मिन्नतें करने लगी। काफी देर तक चले मान-मनौव्वल के बाद अखंड ने GPS सिस्टम से गाड़ी का लॉक खोला तब जाकर पुलिस वाले आजाद हो सके। 

कमिश्नर ने किया इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर 
मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय तक भी पहुंची। उन्होंने गोमतीनगर थाने से मामले की जानकारी लेने के साथ ही कार मालिक अखंड से भी बात की। जिसके बाद उन्होंने मामले में गोमतीनगर इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र कुमार सिंह को दोषी पाते हुए उन्हे लाइन हाजिर कर दिया।