सार

यूपी के प्रयागराज में बीते 10 दिसंबर को हुई वकील की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बता दें कि पुलिस पूछताछ में आरोपी ने दावा किया कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंसकर वकील ने खुद अपनी हत्या कराई थी। 

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछाना में बीते 10 दिसंबर को हुई वकील आशीष दीक्षित की हत्या मामले पर पुलिस ने चौकाने वाली खुलासा किया है। आरोपी ने दावा किया है कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में आशीष ने खुद अपनी हत्या करवाई थी। बताया गया कि मृतक आशीष ने अपने साथी से कहा था कि 'मुझे मार दो मैं जिंदा हो जाउंगा और फिर मैं तुमसे हरिद्वार में मिलूंगा।' बता दें कि अंध विश्वास के इस मामले के मुख्य सूत्रधार हरिद्वार निवासी नीतीश सैनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस ने हत्या में उपयोग किए जाने वाले चापड़ को भी बरामद कर लिया था।

दोस्त ने किया था पुनर्जीवित होने का दावा
बता दें कि बीते 10 दिसंबर को नैनी के नंदन तालाब निवासी आशीष दीक्षित की सिर कटी लाश प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे पर मर्दापुर गांव के पास झाड़ियों में पड़ी मिली थी। आशीष 9 दिसंबर को अपने साथी नीतीश सैनी के साथ घर से गए थे। पूछताछ के दौरान पुलिस को नीतीश ने बताया कि 'आशीष ने उससे कहा था कि उसे दैवीय शक्तियां प्राप्त हैं।' अगर नीतीश उसको मार देगा तो वह फिर से जिंदा हो जाएगा। आशीष ने कहा था कि बस मेरा गला काटकर महा शक्तियों के साथ छोड़ देना। इसके बाद मैं जिंदा होकर फिर तुमसे मिलूंगा। साथ ही मृतक ने नीतीश से यह भी कहा कि गला काटने के बाद सभी चीजों को गंगाजी में बहा कर हरिद्वार चला जाए।

अंधविश्वास में फंस कर किया ऐसा काम
वह वहीं पर आकर उससे मिलेगा। नीतीश ने पुलिस को बताया कि आशीष ने खुद हत्या का समय और जगह डिसाइड की थी। इसके अलावा उसने यह भी बताया था कि चापड़ से कैसे उसका गला काटना है। इसका भी पूरा तरीके बताया था। आरोपी ने बताया कि आशीष ने कहा था कि 2 घंटे तक अगर वह जिंदा न हो तो वह घबराए नहीं। इसके बाद नीतीश ने आशीष की हत्या कर दी और फिर उसी के खून को माथे पर लगाकर मंत्रोच्चारण किया। लेकिन जब मृतक के शरीर में हलचल नहीं हुई तो वह शव को वहीं पर छोड़कर पूजन सामग्री को अरैल घाट में गंगा नदी में प्रवाहित करके हरिद्वार चला गया।

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त यमुना नगर सौरभ दीक्षित ने बताया सर्विलांस और SOG टीम की कोशिशों के बाद आरोपी को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि हर की पौड़ी हरिद्वार में 5 महीने पहले उसकी आशीष से मुलाकात हुई थी। मृतक के अंध विश्वास की जाल में फंसकर उसने नौकरी और परिवार को भी छोड़ दिया था। इसके बाद वह आशीष के साथ हरिद्वार से चलकर वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, आगरा होते हुए प्रयागराज में आकर रुका था। उसने बताया कि बीते 8 दिसंबर को वह दोनों प्रयागराज से विंध्यवासिनी मां का दर्शन करने मिर्जापुर गए थे। वापस आने के दौरान आशीष ने उसे बताया था कि उसे सिद्धी मिल चुकी है। 

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