सार
हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल 42 साल के पृथ्वी सिंह चौहान ने भी आखिरी सांस ली है। बता दें कि जिस हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से यह हादसा हुआ, उसे आगरा के रहने वाले वायुसेना के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे।
आगरा: बुधवार को कुन्नूर (तमिलनाडु) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) के साथ आगरा के लाल 42 साल के पृथ्वी सिंह चौहान (Prithvi Singh Chauhan) ने भी आखिरी सांस ली है। बता दें कि जिस हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से यह हादसा हुआ, उसे आगरा (Agra) के रहने वाले वायुसेना के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे। पृथ्वी सिंह चौहान का परिवार दयालबाग, आगरा के सरन नगर में रहता है। बीटा ब्रेड के नाम पर तीन पीढ़ियों का पैतृक कारोबार है। परिवार को बुधवार दोपहर एयरफोर्स मुख्यालय से फोन पर हेलीकॉप्टर हादसे की सूचना मिली।
परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
75 साल के पिता सुरेंद्र सिंह चौहान और माता सुशीला देवी के साथ सभी परिजन विभिन्न माध्यमों से सच की तलाश में जुट गए। देर शाम जब पुष्टि हुई, तो परिजनों पर मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। चार बहनों के इकलौते भाई पृथ्वी सिंह, जिन्हें सभी प्यार से टिंकू पुकारते थे, की प्रारंभिक पढ़ाई ग्वालियर में हुई और उसके बाद रीवा सैनिक स्कूल में अध्ययन के उपरांत एनडीए होते हुए एयरफोर्स पहुंचे थे।
बचपन में टेलीविजन देखते हुए पायलट बनने का सपना देखा और उसे सच भी कर दिखाया। इसी साल रक्षाबंधन से पहले उनका स्थानांतरण सहारनपुर से कोयम्बटूर हुआ, तो वह परिवार के साथ आगरा आए और अपनी बहनों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया। अन्य तीज-त्योहार पर उनका आना होता था लेकिन लगभग तीन दशक बाद ऐसा रक्षाबंधन आया था। पत्नी कामिनी सिंह के साथ 13 साल की पुत्री आराध्या और आठ साल का पुत्र अभिराज कोयम्बटूर में हैं। परिवार के सदस्य एयरफोर्स के संपर्क में हैं।
पृथ्वी को कई सालों का था अनुभव
आधुनिक तकनीक से लैस एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर पर विंग कमांडर पृथ्वी सिंह का पूरा कमांड था। कई सालों का अनुभव होने के साथ ही वह 109 हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर थे। इसी आधार पर उन्हें सीडीएस बिपिन रावत समेत वरिष्ठ अफसरों को मिग-17 से ले जाने का मौका मिला था। दुर्घटना के कारण का खुलासा तो जांच में ही हो सकेगा, मगर परिजनों को विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनका लाल अब उनके बीच नहीं है।
मौत की खबर सुनकर परिजनों का बुरा हाल
मां सुशीला देवी को जैसे ही पता चला कि टीवी पर जो खबर आ रही है वह सही है तो उनकी चीख निकल पड़ी। हाथ-पैर कांपने लगे। वह गश खाकर गिर गईं। परिजनों ने उन्हें संभाला। रो-रोकर मां का बुरा हाल है। एक ही बात बोल रही हैं कि कोई मेरे टिंकू को बुला दे। मां पृथ्वी सिंह को प्यार से टिंकू नाम से पुकारा करती थीं।
भाई की मौत की खबर मिलते ही दूसरे नंबर की बहन मीना सरन नगर आ गई थीं। मीना की ससुराल शाहगंज में है। वह खुद फूट-फूटकर रो रही थीं। परिवार की अन्य महिलाओं ने उन्हें संभाला। उनसे कहा कि वह अपने आप को संभालें। मां को कौन देखेगा। मां की हालत ज्यादा खराब है। परिवार की महिलाएं पहली मंजिल पर बने कमरे में मौजूद थीं।
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