सार
यूपी की कैथवल ग्रामसभा में भारी संख्या में लोगों के धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहां 20 फीसदी लोगों ने पूजा पाठ करना तक बंद कर दिया है। वह अब मसीही प्रार्थना में जाते हैं।
रायबरेली: कैथवल ग्रामसभा में ननकू पुरवा गांव पड़ता है। लगभग 500 की आबादी वाले इस गांव में 60 फीसदी लोग यादव समुदाय के हैं। हालांकि अब यहां 20 फीसदी लोग हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते हैं। इन 20 फीसदी लोगों में पाल, साहू, सोनकर और यादव बिरादरी के लोग शामिल हैं। यह सभी लोग रविवार को होने वाली मसीही प्रार्थना में भी जाते हैं। वहां पर मिली बाईबिल को पढ़ते हैं। अधिकतर लोगों ने अपने घरों के बाहर ईसाई धर्म का क्रॉस निशान भी बना लिया है। जब इस निशान को लेकर सवाल किया जाता है तो कहते हैं कि यही हमारे प्रभु हैं और हम इनको ही मानते हैं।
12 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रायबरेली में पुलिस को 20 नवंबर को इनपुट मिला था कि ननकू पुरवा गांव के लोगों का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। पुलिस गांव पहुंची तो वहां रहने वाले लोगों ने घर पर चल रही मसीही प्रार्थना को रुकवा दिया। हंगामा बढ़ा तो लोग लाठी-डंडा लेकर विवाद को तैयार हो गए। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए प्रार्थना कर रहे मुन्नालाल समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यहां अभी भी सन्नाटा पसरा है औऱ हिंदूवादी संगठन के लोग बाहर घूम रहे हैं।
लोगों का दावा- ठीक हुईं सालों पुरानी की बीमारियां
इन सब के बीच उन लोगों पर भी नजर रखी जा रही है जो पादरी के संपर्क में हैं और मसीही प्रार्थना में शामिल होने के लिए जाते हैं। गांव के कई लोगों ने 20 नवंबर को हुई घटना के बाद प्रार्थना में जाना छोड़ दिया है। गांव के लोगों ने बताया कि कई लोग सालों से बीमारी से परेशान थे। काफी दवाई लेने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। मसीही प्रार्थना में जाते ही बड़ी-बड़ी बीमारियां ठीक हो गईं। गांव की ही एक अन्य युवती ने बताया कि उसकी मां रात में नींद में चलती थी और बीमार रहती थी। पिताजी को भी दौरे आते थे। जब से उन्होंने प्रार्थना में जाना शुरू किया तो सब ठीक हो गया।