सार

राहुल गांधी यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरूआत अमेठी से करने जा रहे है। वर्तमान में कॉग्रेस के पास अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर कोई विधान सभा सदस्य नहीं है। उन सीटों पर चुने गए कॉग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इन दोनों जिलों की जिला पंचायतों पर भी बीजेपी का कब्जा है। 

लखनऊ: कॉग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) अपनी पूर्व लोकसभा सीट अमेठी से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 ( UP assembly elections) के लिए प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगे। अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) 17 और 18 दिसंबर को अमेठी और रायबरेली में होंगे। कॉग्रेस की एकमात्र विधायक अदिति सिंह ( Aditi Singh) के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद पार्टी कमजोर दिख रही है। पार्टी के पास दोनों लोकसभा सीटों पर कोई विधान सभा सदस्य नहीं है क्योंकि रायबरेली में कॉग्रेस के टिकट पर चुने गए दोनों विधायक भाजपा में चले गए हैं। पार्टी विधानसभा चुनाव में सीटों को बरकरार रखने और अगले चुनाव में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए अच्छे प्रदर्शन के बारे में सोच रही है। 

अमेठी और रायबरेली जिला पंचायतों पर भी है बीजेपी का कब्जा
आपको बता दें कि 2019 में अमेठी में राहुल गांधी को हराने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) भी रायबरेली में पार्टी का आधार बढ़ाने का काम कर रही हैं। दो लोकसभा क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली की कुल दस विधानसभा सीटों में से छह पहले से ही भाजपा के पास हैं। रायबरेली से कॉग्रेस के दो विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह (Rakesh Singh) बीजेपी में शामिल हो गए हैं और रायबरेली से कॉग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह (MLC Dinesh pratap Singh) भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। अदिति सिंह ने पिछले साल कॉग्रेस के खिलाफ बगावत की थी जब उन्होंने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया था और यूपी विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भाग लिया था। तब से, वह कॉग्रेस नेतृत्व की आलोचना कर रही हैं और भाजपा की प्रशंसा कर रही हैं। पिछले कई महीनों से उनके भाजपा में शामिल होने की उम्मीद थी। इन दोनों जिलों की जिला पंचायतों पर भी बीजेपी का कब्जा है। 

स्वास्थ्य कारणों से अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर थीं सोनिया 
रायबरेली में, ईरानी ने जुलाई में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की जगह ली है। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रही हैं। इससे वहां के कॉग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। दो मौजूदा विधायकों सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के चले जाने से उस क्षेत्र में पार्टी को नुकसान पहुंचा है जो कभी कॉग्रेस का गढ़ हुआ करता था। रायबरेली और अमेठी की देखरेख करने वाली प्रियंका गांधी भी राज्य स्तर के मुद्दों में व्यस्त रहने के कारण दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को ज्यादा समय नहीं दे पाई हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक अच्छा मैदान तैयार किया है। रायबरेली और अमेठी में कॉग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।