सार

सिरोही जिले के पिंडवाड़ा में विहिप की तीन कार्यशालाएं सालों से बंद हैं, लेकिन वहां काफी मात्रा में तराशे गए पत्थर आज भी हैं। मातेश्वरी मार्बल, शिवशक्ति मॉर्बल और सोमपुरा मॉर्बल कंपनियों को पत्थर तराशकर अयोध्या भेजने का काम फिर सौंपा जा रहा है।

अयोध्या (Uttar Pradesh)। राम मंदिर की तरह अब पूरे परिसर को भी अजमेर जिले के भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर (राजस्थान) के पत्थरों से सजाने की तैयारी है। इसी पत्थर से भव्य आकार के प्रवेश व निकास द्वार समेत कारीडोर, पब्लिक प्लाजा, लोटस पोंड, खंभे आदि बनाए जाएंगे। परिसर में इन्हीं खंभों पर लाइट, सीसी कैमरे और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगेगा। ऐसा करने से राममंदिर की लागत एक हजार करोड़ से अधिक होगी।

बंशी पहाड़पुर के पत्थर की खासियत
बंशी पहाड़पुर भरतपुर की रूपवास तहसील बयाना उपखंड क्षेत्र में स्थित है। जहां पर बंध बारैठा अभ्यारण्य स्थित है। वहीं पर यह पहाड़ है, जिसके चारों तरफ पानी भरा रहता है। इसका प्रयोग देश की अनेक ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण के लिए किया गया है, जो हजारों वर्षों से ऐसे ही खड़े हैं। इस पत्थर की खास बात है कि इसका रंग कभी नहीं बदलता है। भरतपुर का यह पत्थर न केवल देश, बल्कि विदेश में भी ख्याति प्राप्त है, क्योंकि यह पत्थर पानी में होता है और अपने गुलाबी रंग के साथ सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
 

इन्हें सौंपा जा रहा पत्थर तराशने की जिम्मेदारी
सिरोही जिले के पिंडवाड़ा में विहिप की तीन कार्यशालाएं सालों से बंद हैं, लेकिन वहां काफी मात्रा में तराशे गए पत्थर आज भी हैं। मातेश्वरी मार्बल, शिवशक्ति मॉर्बल और सोमपुरा मॉर्बल कंपनियों को पत्थर तराशकर अयोध्या भेजने का काम फिर सौंपा जा रहा है। राम मंदिर के लिए जिस साइज का खंभा पिलर या कंगूरे बनने हैं उसी साइज का ब्लॉक यहां से काटकर तराशा गया है। राममंदिर के पहले तल पर जो दरवाजे, जाली व फर्श होगी, वह राजस्थान के अजमेर जिले के सफेद मकराना पत्थर से तैयार होगी।

तय कर रही इंजीनियरों की टीम
विश्व हिंदू परिसर का तीन दशक से पूजित राममंदिर मॉडल पूरी तरह स्वीकार होने के बाद अब 70 एकड़ में भव्य परिसर सजाने की तैयारी है। इसका खाका श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अगुवाई में इंजीनियरों की टीम तय कर रही है।  

29 फरवरी को बुलाए गए है कारीगर
निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के समक्ष तैयार शिलाओं को केमिकल से चमकाने का प्रदर्शन करने के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पूरी तैयारी की है। इसके राजस्थान से कारीगर बुलाए गए हैं। पत्थर पर जमी काई केमिकल डालते ही साफ हो जाएगी, इसके बाद दो कोट केमिकल से करने के बाद जब धुलाई होगी तो पत्थर चमक उठेंगे। इन कारीगरों को 29 फरवरी को बुलाया है।