सार

यूपी की तीन सीटों रामपुर, मैनपुरी और खतौली उपचुनाव के मुकाबलों की सबसे अधिक चर्चा हो रही है। जहां भाजपा इन सीटों पर कब्जा जमाने की कोशिश में लगी है तो वहीं सपा अपने मजबूत किले को बचाने की जुगत में है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में तीन क्षेत्रों मैनपुरी, रामपुर और खतौली के उपचुनाव ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। जहां भाजपा राजनीतिक मैदान में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश की तो वहीं सपा अपने सबसे मजबूत दुर्ग को बचाने की कोशिश करती नजर आई। बता दें कि सोमवार को उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम या फिर उनके परिवार के सदस्य चुनाव जीतते रहे हैं। वहीं रामपुर में 10 बार विधायक बने आजम खां की विधायकी जाने के बाद विधानसभा उपचुनाव हो रहा है। खतौली में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के खिलाफ कोर्ट द्वारा सजा का ऐलान होने के बाद उपचुनाव हुए हैं। मैनपुरी और रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव से सपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई हैं। फिलहाल प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद है। 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। 

मैनपुरी में यादव वोटरों की भूमिका निर्णायक
ऐसे में जहां भाजपा मैनपुरी और रामपुर में सपा के किले को ढहाने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी और सपा अपने दुर्ग को बचाने की कोशिश में है। वहीं भाजपा खतौली में फिर से कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर यादव वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। उसके बाद शाक्य वोटरों का नंबर आता है। सपा ने मैनपुरी से डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारा तो भजपा ने मुलायम के शिष्य रघुराज शाक्य पर दांव खेला है। बता दें कि इस बार मैनपुरी में 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। सपा से डिंपल यादव, भाजपा से रघुराज शाक्य, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से रमाकांत कश्यप, सर्व समाज जनता पार्टी से सुनील कुमार मिश्रा, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से भूपेंद्र कुमार धांगर, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी से कपिंजल, वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल से उर्मिला देवी, भारतीय कृषक दल से प्रमोद कुमार यादव, निर्दलीय से राम कुमार, सुरेश चंद्रा, सुषमा देवी, महेश चंद्र शर्मा और विद्यावती चुनाव मैदान में हैं।

रामपुर में मुस्लिमों के पास है जीत की चाभी
वहीं रामपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोट बैंक के पास जीत की चाभी है। सपा नेता आजम खां रामपुर से 10 बार विधायक रह हैं। हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा सुनाए जाने और विधायकी रद्द किए जाने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव किए गए हैं। सपा ने इस बार आसिम रजा तो भाजपा ने आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है। अन्य प्रत्याशियों के मैदान मे होने के बाद भी भाजपा और सपा प्रत्याशी में कांटे की टक्कर देखी जा रही हैं।  रामपुर विधानसभा सीट पर सपा से आसिम रजा, भाजपा से आकाश सक्सेना, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जयवीर सिंह, बहुजन आंदोलन पार्टी से शिव प्रसाद, निर्दलीय से मोइन खान, जुनैद खान, नरेश कुमार सैनी, इम्तियाज उर रहमान खान, खुशरुद्दीन अंसारी, संदीप सिंह और राजेंदर सिंह चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। बता दें कि रामपुर से 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

खतौली में भाजपा फिर से कब्जा जमाने की कर रही कोशिश
इसके अलावा खतौली विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुट गया है। हालांकि यहा भी पार्टियों में बगावत जैसी स्थिति बनती दिखाई दी है। इसके अलावा गुटबाजी भी दिखने लगी है। बता दें कि किसान आंदोलन और राकेश टिकैत के प्रभाव के बाद भी सपा-रालोद गठबंधन भाजपा के विजय रथ को रोकने में कामयाब नहीं हो पाई थी। लेकिन इस बार उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करवाने के लिए जयंत चौधरी पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को दंगे के एक मामले में सजा होने के बाद ये सीट खाली हुई थी। यहां पर भाजपा से राजकुमारी सैनी, राष्ट्रीय लोक दल से मदन भैया, मजदूर किसान यूनियन पार्टी से यशपाल सिंह, निर्दलीय से यजपाल सिंह राठी, सुदेश, संतोष, निर्मल प्रताप सिंह, संजीव कुमार, प्रमोद आर्य, वकार अजहर, सुरेस्वती, रमेश, प्रदीप कुमार, मो. युसुफ चुनाव मैदान में हैं। खतौली विधानसभा उपचुनाव में 14 उम्मीदवार आमने-सामने हैं। लेकिन यहां पर भी दो उम्मीदवारों के बीच ही कड़ा मुकाबला है।

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