सार
सुभासपा में बगावत के सुर इन दिनों लगातार तेज होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के साथ ही सभी नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए।
मऊ: पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर समेत कई नेताओं के द्वारा सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिाय गया है। इस दौरान सोमवार को मऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महेंद्र राजभर ने सुभासपा पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में परिवारवाद हो रहा है। सुभासपा अब सिर्फ पिता-पुत्र की पार्टी बनकर रह गई है। पहले ओम प्रकाश राजभर गरीबों की बात करते थे लेकिन अब वह मिशन से भटक चुके हैं।
मुख्तार अंसारी को बताया राजभर का बड़ा भाई
आरोप लगाया गया कि सुभासपा प्रमुख के द्वारा पैसे लिए जाते हैं और पार्टी में कार्यकर्ताओं का सम्मान भी नहीं होता है। इस बीच यह भी कहा गया कि ओम प्रकाश राजभर का संबंध जेल में बंद मुख्तार अंसारी से हैं। मुख्तार सुभासपा प्रमुख के बड़े भाई है। ओमप्रकाश राजभर कोई भी फैसला मुख्तार अंसारी से पूछकर ही लेते हैं। महेंद्र राजभर की ओर से कहा गया कि पार्टी के 30 लोग इस्तीफा दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सभी ने खूब मेहनत की थी। अब्बास अंसारी के समर्थन में नहीं थे लेकिन पार्टी के फैसले में साथ में थे। वहीं एक सवाल के जवाब में यह भी कहा गया कि ओम प्रकाश राजभर मुख्तार अंसारी के फरार बेटे व विधायक अब्बास अंसारी को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
कहा-पार्टी का इस्तेमाल धन बटोरने के लिए हो रहा
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 20 साल पहले सभी की मौजूदगी में पार्टी बनाई गई थी। हालांकि उस समय पार्टी का मिशन गरीब, दलित, मजदूर औऱ वंचित समाज के उत्थान का रखा गया था। लेकिन बाद में कार्यकर्ताओं के खून पसीने से बनी इस पार्टी का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ धन बटोरने के लिए किया गया। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर काफी समय से नाराज चल रहे थे और उन्हें मनाने की कवायद भी जारी थी। लेकिन उन्होंने इसी बीच 30 पदाधिकारियों के साथ पार्टी को छोड़ने की घोषणा कर दी। उनके इस फैसले को ओम प्रकाश राजभर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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