सार
दुकानदारों का कहना था कि उनको किसी तरह मुर्गों को बेचना है, ताकि वे कुछ दिनों के लिए इस धंधे से तौबा कर लें। मीट के कारोबारी कल्लू का कहना है कि लोग कोरोना से डरे हुए हैं। मुर्गे बिक्री बंद हो गई है, जिसकी वजह से 20 रुपए किलो किया तो दुकान में भीड़ लग गई।
हमीरपुर (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। एक और जहां शेयर मार्केट धराशायी हो रहा है, वहीं दूसरी ओर खासतौर पर मीट व्यापार असर दिखाई दे रहा है। कई जिलों में तो चिकन आलू के भाव बिक रहा है। मीट व्यापारियों ने मंदी और नुकसान की वजह से 20 रुपए किलो में मुर्गा बेच दिया। इतना ही नहीं लाल राशन कार्ड होल्डर वालों को तो फ्री में मुर्गा दिया गया। इसके लिए बोर्ड भी लगा दिया गया।
इसलिए किया ऐसा
दुकानदारों का कहना था कि उनको किसी तरह मुर्गों को बेचना है, ताकि वे कुछ दिनों के लिए इस धंधे से तौबा कर लें। मीट के कारोबारी कल्लू का कहना है कि लोग कोरोना से डरे हुए हैं। मुर्गे बिक्री बंद हो गई है, जिसकी वजह से 20 रुपए किलो किया तो दुकान में भीड़ लग गई।
ग्राहकों ने कही ये बातें
मुर्गा लेने वालों की भीड़ लगी रही। खासतौर पर इस आफर की जानकारी होने पर लोग लाल कार्ड और आधार कार्ड लेने घर तक गए। देखते ही देखते दुकानों से मुर्गे गायब होने लगे। ग्राहकों का कहना है कि जब आलू से सस्ता मुर्गा मिल रहा है तो क्यों न मुर्गा खाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना कुछ नहीं है, सिर्फ अफवाह है।