सार

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका कानून के तहत गिरफ्तार किए  गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है

प्रयागराज(Uttar Pradesh). नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका कानून के तहत गिरफ्तार किए  गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही डॉ. कफील को तुरंत रिहा करने के भी आदेश दिए गए हैं वहीं उन पर लगी रासुका को भी हटा दिया है। अदालत ने कहा कि उनकी रासुका के तहत गिरफ्तारी भी अवैध है।

डॉ. कफील खान की मां के द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है, डॉ खान की मां द्वारा दायर की आगी याचिका में आरोप लगाया गया था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और तुरंत रिहाई की जाए। इस केस की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह थे। उन्होंने डॉ. खान के खिलाफ एनएसए के आरोपों को रद्द कर दिया।

प्रिंयका का ट्वीट आशा है जल्द रिहा करेगी सरकार 
इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ट्वीट भी आया है, उन्होंने लिखा कि "आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान के ऊपर से रासुका हटाकर उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। आशा है कि यूपी सरकार डॉ. कफील खान को बिना किसी विद्वेष के अविलंब रिहा करेगी। डॉ. कफील खान की रिहाई के प्रयासों में लगे तमाम न्याय पसंद लोगों व उप्र कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मुबारकबाद।"

डीएम अलीगढ़ ने रासुका लगाने का दिया था निर्देश 
सीएए को लेकर भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए जिलाधिकारी अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया था। यह अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। याचिका में निरूद्धि की वैधता को चुनौती दी गई है।  हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। जेल में रहते हुए रासुका तामील कराया गया है।