सार

श्रीरामलला का भव्य गर्भगृह आकार लेता हुए दिखाई पड़ रहा है। इस बीच यहां महाराष्ट्र के वैदिक आचार्यों ने अनुष्ठान शुरू कर दिया है। इसके लिए टोलियां बनाई गई हैं। यह अनुष्ठान भगवान राम के विराजमान होने तक जारी रहेगा। 

अनुराग शुक्ला
अयोध्या:
श्रीरामलला का भव्य गर्भगृह धीरे-धीरे आकार लेने लगा है। साथ ही भव्य गर्भगृह में भगवान को विराजमान कराने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। श्री राम जन्मभूमि परिसर के निकट गणपति भवन में महाराष्ट्र के वैदिक आचार्यो ने अनुष्ठान शुरू कर दिया है। यह अनुष्ठान 15 माह तक निरंतर जारी रहेगा। जिसे करने के लिए वैदिक आचार्यों की टोलियां बनाई गई हैं। देवोत्थानी एकादशी यानी 4 नवंबर से शुरू हुए महा अनुष्ठान के पहले दिन भगवान श्री राम पंचायतन की प्रतिष्ठापना कर इनका अभिषेक भाई यज्ञ किया गया। यह अनुष्ठान आराध्य के विराजमान होने तक जारी रहेगा।

वेद मंत्रों का होगा पारायण रामलला को सुनाए जा रहें है मंत्र
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक सद्गुरु ग्रुप के माध्यम से महाराष्ट्र के वैदिक विद्वान इस अनुष्ठान को शुरू कर दिए हैं। वैदिक विद्वानों की टोलियां वेद मंत्रों का पारायण करेंगी और रामलला को वेद मंत्र सुनाए जाएंगे। उन्होंने बताया चार वेद दुनिया की इस धरती की प्राचीन धरोहर हैं। वेद के सभी मंत्रों के विद्वान भारत में मौजूद हैं। विशेष अनुष्ठान की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया यह अनुष्ठान कम से कम 15 महीने राम जन्मभूमि परिसर से सटे ट्रस्ट द्वारा बनाए गए गणपति भवन में चलता रहेगा। बता दें ट्रस्ट ने 2024 मकर संक्रांति तक रामलला को भव्य गर्भगृह में विराजमान करने की बात कही है।

रामलला के विराजमान होने के पहले यह अनुष्ठान था जरूरी
अनुष्ठान के मुखिया वैदिक ब्राह्मण पंडित प्रकाश दंड़गे ने बताया कि चारों वेदों का अनुष्ठान रामलला के विराजमान होने तक जारी रहेगा। यह निर्माण कार्य के पहले किया जाना शास्त्रों के मुताबिक जरूरी माना गया है। हर 15 दिन में 5 पंडित अलग-अलग वेदों का पारायण कर अनुष्ठान करेंगे। 15 माह में वैदिक ब्राह्मणों संख्या हजारों में होगी।

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