सार
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में करोड़ों की लागत से रोपवे का निर्माण होगा। इसके साथ ही एनएचएआई ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। साथ ही पांच और रोपवे का काम शुरू हो चुका है।
देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी है कि हैलीपैड के बाद अब रोपवे को लेकर कवायद तेज हो चुकी है। दोनों स्थलों के लिए दो हजार करोड़ से अधिक लागत से रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए एनएचआई ने सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है। एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनों रोपवे की डीपीआर तैयार कर ली है। अब वन भूमि हस्तांतरण के लिए केंद्र के साथ प्रक्रिया चल रही है। इतना ही नहीं एनएचआई ने इन दोनों रोपवे के अलावा पांच और रोपवे का काम शुरू किया है।
इन जगहों पर रोपवे का सर्वेक्षण हुआ शुरू
दरअसल पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बोर्ड बैठक में कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। जिसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे का निर्माण 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट रोपवे का निर्माण 850 करोड़ से किया जाएगा। इसके साथ ही बलाटी बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, पंच कोटी से बौराड़ी, औली से गौरसौं और रानीबाग से हनुमान गढ़ मंदिर के बीच रोपवे के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। बोर्ड बैठक में परिषद के माध्यम से होने वाली विभिन्न गतिविधियों को मंजूरी दी गई।
बैठक में योग महोत्सव के आयोजन का रखा प्रस्ताव
सतपाल महाराज ने कहा कि औली को साहसिक गतिविधियों के लिए ट्रेनिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मास्टर प्लान के लिए करीब 1.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इस बैठक में पैराग्लाइडिंग, माउंटेन बाइकिंग, एडवेंचर समिट, स्कीइंग चैंपियनशिप, टिहरी झील महोत्सव, योग महोत्सव के आयोजन का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया। पर्यटन के प्रचार-प्रचार के लिए 30 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। बुग्यालों में ट्रेकिंग को शुरू करने के लिए सरकार प्रयास करेगी। ट्रेकिंग की अनुमति के लिए हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रख जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए परिषद की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कुल 55 करोड़ के बजट पारित किया गया।