सार
किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी का असर अब दिखाई भी पड़ रहा है। शाहजहांपुर में किसान काले गेहूं की खेती की ओर प्रोत्साहित दिखाई पड़ रहे हैं।
शाहजहांपुर: किसानों की खेती से दोगुनी आय और उन्हें खुशहाल बनाने को लेकर प्रशासन लगातार 1 साल से उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है। काले गेहूं की खेती के लिए लगातार मोटिवेट किया जा रहा है। प्रशासन की इन कोशिशों का असर भी अब दिखाई पड़ने लगा है। इन दिनों किसानों का रुझान सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं की खेती की तरफ बढ़ता जा रहा है। इस किस्म की खेती कर किसान कमाई को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं। किसान बाजार मांग और निर्यात बढ़ाने को लेकर सामूहिक रूप से भी इस खेती को अपना रहे हैं।
कमाई में इजाफा देख किसान की बनी पसंद
आपको बता दें कि एक कुंतल सामान्य गेहूं की कीमत लगभग 2000 रुपए हैं। हालांकि काले गेहूं की कीमत तकरीबन 4 से 6 हजार रुपए प्रति कुंतल है। तीन गुने दामों पर बिकने वाली फसल के चलते किसान इस फसल को हाथों-हाथ ले रही है। वहीं दूसरी ओर उत्साहित किसान खुद गेहूं को पीसकर उसके आटे की पैकेजिंग कर उसे मार्केट में बेंच रहे हैं। इससे उनकी कमाई में भी इजाफा देखा जा रहा है। शाहजहांपुर प्रशासन काले गेहूं के इस आटे को कृषि मेलों और प्रदर्शनियों के जरिए प्रमोट भी कर रहा है।
कई रोगों में है कारगर
काले गेहूं का रंग और स्वाद सामान्य गेहूं से अलग है। यह बेहद पौष्टिक है। विशेषज्ञ कहते हैं कि काले गेहूं में एंथ्रोसाइनीन एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक है। यह हार्ट अटैक, कैंसर, शुगर, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर है। वहीं कृषि अधिकारी भी मानते हैं कि ये गेहूं डायबिटीज, कैंसर और एनिमी जैसे रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। नाबी के पास इसका पेटेंट भी है। इस गेहूं की खासियत है कि इसकी बालियां तो आम गेहूं के जैसी हरी होती हैं लेकिन पकने के बाद उनका रंग काला हो जाता है।
लखनऊ में 400 वर्षों से भी अधिक पुरानी है बड़े मंगल की परंपरा, जानिए इस बार क्या रहेगा खास
गोरखपुर: क्षय रोग से ग्रसित एक हजार मरीजों को मुख्यमंत्री योगी ने किया अक्षयपात्र राशन किट का वितरण