सार
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर (SIDDHARTHNAGAR) में 5 विधानसभा सीटें हैं। ये हैं-बांसी (BANSI),डुमरियागंज (DOMARIYAGANJ),इटवा (ITWA),कपिलवस्तु (KAPILVASTU) और शोहरतगढ़ ( SHOHRATGARH)। जिले के अस्तित्व में आने के बाद अब तक 8 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। यहां संसदीय सीट को डुमरिया गंज के नाम से जाना जाता है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर (SIDDHARTHNAGAR) में 5 विधानसभा सीटें हैं। ये हैं-बांसी (BANSI),डुमरियागंज (DOMARIYAGANJ),इटवा (ITWA),कपिलवस्तु (KAPILVASTU) और शोहरतगढ़ ( SHOHRATGARH)। जिले के अस्तित्व में आने के बाद अब तक 8 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। यहां संसदीय सीट को डुमरिया गंज के नाम से जाना जाता है। 23 दिसंबर, 1988 को सिद्धार्थ नगर जिला बना था। यहां कोई बड़ी इंडस्ट्री है। इसलिए पलायन यहां का एक बड़ा मुद्दा रहा है। हालांकि हाल में यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक जनसभा में प्रदेश में बने 9 मेडिकल कॉलेजों का वर्चुअल लोकार्पण किया था। जिले में इस बार 19 लाख 29 हजार से अधिक वोटर थे। 2017 में यहां की 5 में से 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा था।
Bansi Election Results 2022: बीजेपी के जय प्रताप सिंह ने जीता चुनाव। जबकि सपा ने नवीन और बसपा ने राधेश्याम को उम्मीदवार बनाया था। वहीं कांग्रेस ने किरण शुक्ला पर भरोसा दिखाया था। 2017 में बांसी में कुल 42.03 प्रतिशत मतदान हुआ था। तब भारतीय जनता पार्टी के जय प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी के लाल जी को 18942 वोटों के मार्जिन से हराया था। यहां लगभग 20 % मुस्लिम, 16 % ब्राह्मण और भूमिहार 12 % निषाद,14 % यादव और 8 % लोधी राजपूत के अलावा 30 % में वैश्य कायस्थ और अन्य पिछड़ी जातियों के वोटर शामिल थे।
Domariyaganj Election Results 2022: समाजवादी पार्टी की सैयदा खातून ने जीत दर्ज की। राघवेन्द्र प्रताप सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। वहीं दूसरी तरफ अशोक कुमार तिवारी बसपा तो कांति कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रही थीं। 2017 में डुमरियागंज में कुल 33.35 प्रतिशत वोट पड़े थे। तब भारतीय जनता पार्टी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के सैयदा खातून को 171 वोटों के मार्जिन से हराया था। यहां मुस्लिम 1 लाख 25 हजार, ब्राह्मण 70 हजार और अनुसूचित जाति के 50 हजार वोटर थे।
Itwa Election Results 2022: सिद्धार्थनगर के इटवा सीट पर सपा ने जीत दर्ज की। सतीश चंद्रा बीजेपी की तरफ से लड़ रहे थे। सपा ने माता प्रसाद पांडे तो बसपा ने हरि शंकर सिंह को टिकट दिया था। 2017 में इटवा में कुल 36.99 प्रतिशत वोट पड़े थे। तब भारतीय जनता पार्टी से डॉक्टर सतीश चंद द्विवेदी के बहुजन समाज पार्टी के अरशद खुर्शीद को 10208 वोटों के मार्जिन से हराया था। यहा मुसलमान वोटर सबसे अधिक यानी 1.25 लाख थे। इसके बाद ब्राह्मण 80 हजार हैं।
Kapilvastu Election Results 2022: जिले के कपिलवस्तु सीट से बीजेपी ने श्याधानी राही ने जीत दर्ज की। सपा ने विजय कुमार, बसपा ने कन्हैया कुमार जबकि कांग्रेस ने देवेन्द्र कुमार गुड्डू को प्रत्याशी बनाया था। 2017 में कपिलवस्तु (सुरक्षित) में कुल 48.52 प्रतिशत वोट पड़े थे। तब भारतीय जनता पार्टी के श्याम धानी ने समाजवादी पार्टी के विजय कुमार को 38154 वोटों के मार्जिन से हराया था। यहां 75 हजार से अधिक ब्राह्मण, 65 हजार के करीब अनुसूचित जाति और 40 हजार मुस्लिम वोटर थे।
Shohratgarh Election Results 2022: इस सीट पर बीजेपी समर्थित अपना दल (सोनेलाल) ने विनय वर्मा ने जीत दर्ज की। बसपा ने राधारमण त्रिपाठी को टिकट दिया था, जबकि कांग्रेस ने चौधरी रवीन्द्र प्रताप को प्रत्याशी बनाया था। 2017 में शोहरतगढ़ में कुल 36.23 प्रतिशत वोट पड़े थे। तब अपना दल (सोनेलाल) के अमर सिंह चौधरी ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद जमील को 22124 वोटों के मार्जिन से हराया था। यहां 28 प्रतिशत पिछड़े, 27 प्रतिशत मुस्लिम, 20 प्रतिशत दलित और 15 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर थे।
राज्य में वोटरों की संख्या
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव(UP Election 2022) में पिछली बार 14,71,43,298 वोटर थे, जो इस बार बढ़कर 15,02,84005 हो गए थे। इनमें से 24,03,296 80 वर्ष से अधिक आयु के थे। पुरुष मतदाता 8,04,52,736 थे, जबकि महिलाओं की संख्या 6,98,22,416 थी। प्रदेश में कुल 8853 थर्ड जेंडर के वोटर थे।
UP Election Info
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को हुआ था। यानी कुल 7 चरणों में यूपी में चुनाव हुआ था।
OBC सबसे अधिक
उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग यानी OBC वोटर सबसे अधिक हैं। इनकी संख्या 52 प्रतिशत है। इनमें भी यादव जाति सबसे ज्यादा 11% है। 2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 72 फीसदी यादवों के वोट मिले थे। लेकिन 2012 के चुनाव में यह 63 फीसदी रह गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में 66 फीसदी वोट मिले। 2014 के लोकसभा चुनाव में केवल 53 फ़ीसदी।