सार
भदोही में एक बुजुर्ग की मौत होने के बाद उसके बेटे ने तेरहवीं टाल दी। बुजुर्ग के किसान बेटे ने तेरहवीं के लिए इकट्ठा किए गए 1 लाख रूपए को मुख्यमंत्री के यूपी कोविड रिलीफ फंड में दान कर दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को बुलाकर 1 लाख का चेक सौंपा।
भदोही (Uttar Pradesh). देश में चल रही कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अब आम जनता भी मदद को सामने आने लगी है। यूपी के भदोही में एक ऐसा उदाहरण सामने आया है जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है। भदोही में एक बुजुर्ग की मौत होने के बाद उसके बेटे ने तेरहवीं टाल दी। बुजुर्ग के किसान बेटे ने तेरहवीं के लिए इकट्ठा किए गए 1 लाख रूपए को मुख्यमंत्री के यूपी कोविड रिलीफ फंड में दान कर दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को बुलाकर 1 लाख का चेक सौंपा। बेटे के इस कार्य की हर ओर तारीफ़ हो रही है।
मामला उत्तर प्रदेश के भदोही का है। जनपद के कठौता गांव के निवासी रमेश चंद्र मिश्र के पिता रामकृष्ण मिश्र का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद रमेश चंद्र मिश्र ने अपने परिवार के साथ बैठक कर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के मद्देनजर तेरहवीं संस्कार न करने का फैसला किया। उन्होंने तेरहवीं करने से ज्यादा जरूरी लोगों की मदद करने को समझा। इसके लिए उन्होंने तेरहवीं के लिए इकट्ठा किए गए 1 लाख रूपयों को मुख्यमंत्री के यूपी कोविड रिलीफ फंड में दान करने का फैसला किया।
डीएम व एसपी ने किसान के घर जाकर लिया चेक
किसान रमेशचंद्र ने इस बाबत डीएम को फोन कर एक लाख रूपये दान देने की बात कही थी। जिसको लेकर डीएम और एसपी किसान के घर खुद पहुंचे और उन्होंने वहां किसान से चेक लिया । डीएम राजेंद्र प्रसाद और एसपी राम बदन सिंह द्वारा किसान के इस कार्य की जमकर सराहना की गई। डीएम ने कहा कि किसान ने कोविड फंड में दान देकर एक मिसाल कायम किया है। संकट के इस दौर में सभी को आगे आना चाहिए दूसरे की मदद करना चाहिए।