सार
यूपी एसटीएफ ने वाराणसी में दो लाख के इनामी मनीष सिंह उर्फ सोनू को मार गिराया है। सूचना मिलने के बाद दबिश देने गई टीम पर सोनू की ओऱ से फायरिंग की गई। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने उसे मार गिराया।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) की ओर से सोमवार को वाराणसी (Varanasi) के लोहता इलाके में मुठभेड़ के दौरान अपराध का पर्याय बने दो लाख के इनामिया मनीष सिंह उर्फ़ सोनू (Manish Singh Sonu) को मार गिराया गया। रिपोर्टस के अनुसार सटीक सूचना मिलने के बाद दबिश देने गई एसटीएफ की टीम (STF Team) पर मनीष की ओर से फायरिंग शुरू की गयी। फायरिंग के साथ ही मनीष ने वहां से भागने का प्रयास भी किया, जिसके जवाब में एसटीएफ ने जवाबी फायरिंग की। इस मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ की ओर से मनीष को मार गिराया गया। मुठभेड़ (STF Encounter) में ढेर हुआ मनीष लंका थाने के नरोत्तमपुर (Narottampur) का रहने वाला बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि मुठभेड़ में मारा गया मनीष सिंह, एनडी तिवारी हत्याकांड समेत कपसेठी में 10 लाख की रंगदारी चौकाघाट (Rangdhari Chaukaghat) में गन शॉट (Gun Shoot) समेत कई अन्य मामलों में वांछित था। उसके ऊपर आजमगढ़, मिर्ज़ापुर, सीतापुर, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी और शाहजहांपुर में 36 मुकदमे दर्ज हैं। 2021 में एडीजी की संस्तुति के बाद 1 लाख से बढाकर उसके ऊपर 2 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
डबल मर्डर के बाद बढ़ाया गया था इनाम
पूर्व में मनीष उर्फ सोनू पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। हालांकि एक लाख का ईनाम घोषित होने के बाद मनीष को बीते साल 28 अगस्त को चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना में चिन्हित किया गया। घटना के बाद तफ्तीश में लगी पुलिस टीम की ओर से उसे सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित हुआ था। इसके बाद ही डबल मर्डर में सोनू का नाम आने पर एडीजी जोन की संतुस्ति पर मनीष सिंह उर्फ सोनू के खिलाफ इनाम को बढ़ाकर दो लाख का कर दिया गया था। 2 लाख रुपए इनाम किए जाने के साथ ही पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थी। इसी बीच एसटीएफ को जानकारी मिली और टीम ने दबिश दी। जहां मुठभेड़ के बाद मनीष को मार गिराया गया।
साथियों के साथ मिलकर कई वारदातों को दिया था अंजाम
शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू ने वाराणसी के उंदी गांव में रहते हुए उसने अपने साथियों के साथ मिल कर कई वारदात को अंजाम दिया था। इसी के साथ वह लूट की कई घटनाओं में शामिल रहा। वह जेल भी गया और चार साल जेल में रहने के बाद वह वापस आया। जेल से वापस आने के बाद भी मनीष ने अपना अपराध का रास्ता नहीं छोड़ा और वह कई वारदातों में शामिल रहा।
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