सार

आयुष कॉलेजों में हेराफेरी कर प्रवेश लेने वाले छात्रों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि प्रदेश के 12 कॉलेजों से 200 से अधिक निलंबित छात्रों की लिस्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दी गई है। छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है।

गोरखपुर: आयुष कॉलेजों में फर्जीवाड़ा कर प्रवेश लेने वाले 891 स्टूडेंट्स बर्खास्त कर दिए जाएंगे। बता दें कि गोरखपुर के महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय ने 891 निलंबित स्टूडेंट्स को बर्खास्त करने का फैसला लिया है। साथ ही इन छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं जिन छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी कर दिए गए थे, उन्हें अब निरस्त कर दिया जाएगा। राज्य के 12 कॉलेजों से 200 से अधिक निलंबित छात्रों की लिस्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दी गई है। 

फर्जीवाड़ा कर लिय़ा था प्रवेश
बता दें कि राज्य के 104 सरकारी और निजी कॉलेजों को मिलाकर यूनानी, आयुष और होम्योपैथी की 7338 सीटें हैं। इस बार नीट काउंसिलिंग के जरिए इन सीटों पर प्रवेश हुआ था। लेकिन एडमिशन के बाद रजिस्ट्रेशन और फॉर्म भरने की प्रक्रिया के दौरान 891 छात्र ऐसे मिले, जिन्होंने डॉक्यूमेंट्स में हेराफेरी कर कॉलेजों में प्रवेश लिया था। मामले की जानकारी होने के बाद आयुर्वेद निदेशालय को इसकी सूचना दी गई। इस दौरान जांच में सामने आया कि 22 छात्र ऐसे हैं, जो नीट की प्रवेश परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। वहीं कई अन्य छात्र ऐसे भी पाए गए जो मेरिट में काफी नीचे थे। 

200 छात्रों की भेजी गई लिस्ट
आयुष निदेशालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 891 छात्रों को निलंबित कर दिया। इन छात्रों के इनरोलमेंट नंबर जारी करने पर आयुष विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के रजिस्टार आरबी सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 104 आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेज हैं। जिनमें से 19 सरकारी और 69 प्राइवेट कॉलेजों को मान्यता दी गई है। आरबी सिंह ने बताया कि 12 कॉलेजों ने 200 छात्रों की लिस्ट भेज दी है। वहीं अन्य कॉलेज भी ऐसे छात्रों की सूची भेज रहे हैं। बता दें कि छात्रों का इनरोलमेंट नंबर जारी नहीं होने पर इनकी पढ़ाई और डिग्री दोनों ही मान्य नहीं होगी।

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