सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने नया चुनावी वादा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अगर उनकी और सपा गठबंधन की सरकार आती है तो स्नातक तक की शिक्षा सभी को मुफ्त मिलेगी। 

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो चुका, उम्मीदवारों के ऐलान का सिलसिला भी जारी, पांचवे चरण का नामांकन भी आज से शुरू है। लेकिन अभी भी नेता 2022 में अपनी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए चुनावी वादें कर रहे है ताकि 10 मार्च को नतीजे के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आ सके। इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bhartiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने नया चुनावी वादा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अगर उनकी और सपा गठबंधन की सरकार आती है तो स्नातक तक की शिक्षा सभी को मुफ्त मिलेगी। राजभर ने कहा, 'शिक्षा व्यवस्था की बदहाली से कोई भी समाज कोई भी देश कोई भी प्रदेश तरक्की नहीं कर सकता है । इसीलिए सुभासपा का संकल्प है की स्नाकोत्तर तक की शिक्षा निःशुल्क होगी एवं सभी को गुणवत्तापूर्ण एक समान शिक्षा दी जाएगी।'

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ओमप्रकाश राजभर चुनावी मुद्दा शिक्षा को बना रहे है। उन्होंने हाल ही में कहा कि सुभासपा की सरकार आने पर शिक्षा मुफ़्त में दी जाएगी। राजभर ने ट्वीट कर लिखा कि, 'प्रदेश में व्याप्त दोहरी शिक्षा पद्धति में सुधार लाना सुभासपा का प्रमुख उद्देश्य है। मुफ़्त में शिक्षा, सबको ज्ञान। सबकी शिक्षा, एक समान।।'

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इस चुनावी वादे के पहले भी उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीटर में जनसभा संबोधित करने का वीडियो शेयर किया जिसमें वो भाजपा सरकार पर हमला करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा था कि, 'भाजपा के अच्छे दिन से जनता त्राहि त्राहि हो गई है। भाजपा के अच्छे दिन में आम जनता को भूखे पेट सोने की नौबत आ गई है। महंगाई की आड़ में भाजपा ने अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया है और खुद की भी जेब भरने का काम किया है। जनता बदलाव चाहती है, जनता सपा सुभासपा सरकार चाहती है।।'

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आपको बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने इस बार यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया है। जबकि पिछली बार ओम प्रकाश राजभर की पार्टी ने भाजपा के साथ हुंकार भरी थी। यही नहीं, वह योगी कैबिनेट में मंत्री भी बने थे, लेकिन कुछ साल बाद वह अलग हो गए। इस चुनाव से पहले उन्‍होंने भागीदारी संकल्‍प मोर्चा भी बनाया था, जिसमें बाबू सिंह कुशवाहा और औवेसी समेत कई लोग शामिल थे, लेकिन यह लंबा नहीं चल सका। इसके बाद वह सपा के साथ आ गए और अब चुनाव मैदान में हैं।