सार
ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा की मांग कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का अनशन समाप्त हो गया है। उनके द्वारा कहा गया कि हम लोग देश के साधु संतों को एकजुट कर देशभर में अभियान चलाएंगे।
वाराणसी: शिवलिंग की पूजा की मांग कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। शिवलिंग की पूजा को लेकर अनशन समाप्ति के साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वह देश भर के साधु संतों को एकजुट करेंगे औऱ भव्य आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर बनवाने के लिए देशभर में अभियान चलाएंगे।
अनशन के बाद गिरता जा रहा था स्वास्थ्य
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मांग कर थे। इस बीच पुलिस द्वारा रोके जाने पर उन्होंने अनशन शुरू किया। हालांकि उनका अनशन बुधवार को समाप्त हो गया। शिवलिंग के पूजन को लेकर अनशन पर बैठने के बाद उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा था। पहले भी अयोध्या से आए संतों ने शिवलिंग के पूजन की जानकारी देकर अनशन को समाप्त करने के लिए निवेदन किया था। हालांकि उसके बाद भी अनशन जारी था और स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था।
108 घंटे की निर्जल तपस्या संपन्न करने की हुई घोषणा
इस बीच बुधवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी रणनीति बदलते हुए अनशन समाप्त किया। श्री विद्यामठ में भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन कर उन्होंने बुधवार सुबह सात बजे 108 घंटे की निर्जल तपस्या संपन्न करने की घोषणा की। इसी के साथ कहा कि गुरु की आज्ञा के अनुसार ही वह भगवान आदि विश्वेश्वर के भव्य मंदिर निर्माण को लेकर देशव्यापी अभियान का संचालन भी करेंगे। इसको लेकर मठ की ओऱ से जारी सूचना में बताया गया कि अन्न जल त्याग कर तपस्या के दौरान स्वामि अविमुक्तेश्वरानंद का वजन तकरीबन 5 किलो 400 ग्राम घट गया है। इस बीच द्वारका शारदा और ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती का पत्र भी अपने प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मिला है। इसके साथ काशी मठ के महाराज जी का स्नेहपूर्ण निवेदन पत्र भी उन्हें प्राप्त हुआ है।
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