सार
पुलिस ने कहा कि जस्सा सिंह जांच में शामिल होने मथुरा आ रहा है। मामले की अब मानव तस्करी के एंगल से जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस ने लड़कियों के कोविड-19 का टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें सरकारी बाल आश्रय गृह भेज दिया गया। बाल कल्याण समिति की सदस्य स्नेहलता चतुवेर्दी ने कहा है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और अगर कोई दोषी पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मथुरा (Uttar Pradesh ) । खुद एक शख्स के हाथ 40 हजार रुपए में बिकी महिला ने मौका मिलते ही अपनी पांच साल के बेटी का सौदा महज 500 में कर रही थी। हालांकि इसकी जानकारी होने पर बाल कल्याण समिति और मथुरा पुलिस ने उसे और उसकी दोनों छोटी बेटियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद बच्चों को सरकारी बाल आश्रय गृह भेज दिया है। वहीं, जांच में यह बात सामने आई कि महिला ने सात साल पहले अपने सबसे बड़े बच्चे और खुद को एक आदमी को 40,000 रुपए में बेच दिया था, जो अब उसका पति है।
यह है पूरा मामला
चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक नरेंद्र परिहार के मुताबिक शनिवार शाम उनके टोल फ्री नंबर 1098 पर फोन आया कि राजवीर कौर नाम की एक महिला अपनी छोटी बेटी को 500 रुपए में बेचने की कोशिश कर रही है। जिसके बाद तीन सदस्यी टीम को गठित कर मौके पर भेजा गया, जो राजवीर कौर को थाने ले गई।
महिला के बैग से मिले मोबाइल नंबरों से खुला राज
जांच के दौरान महिला के बैग में कुछ मोबाइल नंबर मिले और जब पुलिस ने इनमें से एक नंबर पर संपर्क किया तो जस्सा सिंह नाम के शख्स ने बताया कि वह पंजाब का रहने वाला है। महिला उसकी पत्नी है, जो पिछले चार-पांच महीने से बच्चों के साथ लापता है। उसने उन्हें यह भी बताया कि उसने महिला को उसकी बड़ी बेटी, जो अब 7 साल की है, के साथ लगभग सात साल पहले 40,000 रुपए में खरीदा था।
मथुरा आ रहा जस्सा सिंह
पुलिस ने कहा कि जस्सा सिंह जांच में शामिल होने मथुरा आ रहा है। मामले की अब मानव तस्करी के एंगल से जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस ने लड़कियों के कोविड-19 का टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें सरकारी बाल आश्रय गृह भेज दिया गया। बाल कल्याण समिति की सदस्य स्नेहलता चतुवेर्दी ने कहा है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और अगर कोई दोषी पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
(प्रतीकात्मक फोटो)