सार
प्रेमनाथ रायजादा ने परिवार पर आरोप लगाया है। जिसके मुताबिक उनके बेटे-बहू व परिवार ने पहले पूरी संपत्ति अपने कब्जे में कर ली और फिर बर्बाद भी कर दी। बहू ज्यादा परेशान करती थी। मारपीट भी की जाती थी। घर से निकाल कर बेसहारा कर दिया। उनके पास कानपुर में टॉकीज और दुकानें और ट्रांसपोर्ट का कारोबार था।
कानपुर (Uttar Pradesh) । कभी टॉकीज, ट्रांसपोर्ट और कई दुकानों के मालिक रहे करोड़पति गोविंदपुरी निवासी 84 वर्षीय प्रेमनाथ रायजादा आज ग्वालियर के वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। इन दिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं है, जिसके कारण उन्हें जय आरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोप है कि सारी संपत्ति लेने के बाद बहू-बेटे ने घर से निकाल दिया। इतना ही नहीं परिवार के लोगें ने मिलकर पहले पूरी संपत्ति को अपने कब्जे में कर ले लिया और फिर बर्बाद भी कर दी। ऐसे में वह लावारिस की तरह जीने को मजबूर हैं।
इस तरह पहुंचे ग्वालियर
परिवार ने प्रेमनाथ को मथुरा लाकर छोड़ दिया। तीन माह पहले प्रेमनाथ रायजादा ग्वालियर आए थे। यहां कोई ठिकाना नहीं मिला तो लक्ष्मीगंज स्थित वृद्धाश्रम पहुंचे। बुजुर्गां की सेवा करने वाले कुछ लोग प्रेमनाथ के संपर्क में आए तो उनके बारे में जानकारी सामने आई।
बहू करती थी ज्यादा परेशान
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को दी लिखित शिकायत में प्रेमनाथ रायजादा ने आरोप लगाया है कि उनकी पूरी संपत्ति बेटे व बहू ने हड़प ली। बहू ज्यादा परेशान करती थी। मारपीट भी की जाती थी। घर से निकाल कर बेसहारा कर दिया।
इतने पर भी करते हैं परिवार को याद
प्रेमनाथ रायजादा कुछ दिन पहले वे वृद्धाश्रम में बीमार हो गए तो उन्हें जेएएच में भर्ती कराया गया। जेएएच में प्रेमनाथ की हालत ठीक नहीं है। वे अपने परिवार को याद करते रहते हैं। उन्होंने अब पुलिस से शिकायत की है।
टिकट का पैसा लेने के बाद भी नहीं गया बेटा
रायजादा का ख्याल रखने वाले लोगों ने उनके बेटे को फोन किया तो उसका कहना था कि ग्वालियर आने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बाद बेटे के बैंक खाते में भी 500 रुपये डलवाए गए, लेकिन वह तब भी नहीं आया। प्रेमनाथ का बेटा पिछले पांच दिनों से आने के लिए टालमटोल कर रहा है। रायजादा ने पुलिस से किए शिकायत में कहा है कि पुलिस परिवार को बुलाए। इसके साथ ही उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए कहे।