सार

पुलिस ने आरोपी ननद मोनी को एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी उसे थाने ले जाया गया। वह थाने में ही मंत्र पढ़ने लगी तो उसकी निगरानी में लगी महिला कांस्टेबल घबरा कर भाग गई। तब दारोगा ने मोनी को जमकर फटकारा।

बरेली (उत्तर प्रदेश)। ससुर को ठीक करने के लिए बहू के शरीर पर 101 जख्म किए। जिसपर डाक्टर को 300 टांके लगाने पड़े। दो दर्जन से ज्यादा टांके तो सिर्फ चेहरे पर आए हैं। अंधविश्वास में फंसे ससुरालियों की हैवानियत देख एकबारगी पुलिस और डॉक्टर भी हैरान रह गए। बहरहाल, महिला की हालत नाजुक है। उसे जिला अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी ननद को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दोनों तांत्रिक जेठ व ननदोई फरार हैं। यह घटना बारादरी थाना के मुहल्ला सिकलापुर की धर्मशाला वाली गली की है।

तांत्रिक हैं ननद और जेठ
भोजीपुरा के मार्डन विलेज घंघोरा गांव निवासी रेनू की शादी आठ साल पहले सिकलापुर में धर्मशाला वाली गली निवासी संजीव से हुई। दोनों के एक बेटी भी है। रेनू के जेठ मूली, राजू व ननद मोनी तांत्रिक क्रिया करते हैं।

थाने में पढ़ने लगी मंत्र, घबराकर भागी कांस्टेबल 
पुलिस ने आरोपी ननद मोनी को एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी उसे थाने ले जाया गया। वह थाने में ही मंत्र पढ़ने लगी तो उसकी निगरानी में लगी महिला कांस्टेबल घबरा कर भाग गई। तब दारोगा ने मोनी को जमकर फटकारा।

गले में माला और माथे पर टीका
मोनी भी भाइयों के साथ तांत्रिक क्रिया करती थी। गिरफ्तारी के समय उसने माथे पर काला टीका लगा रखा था। गले में कई माला पहन रखी थी।

बलि देने का बनाया था प्लान
पिछले कुछ महीनों से रेनू के ससुर जगदीश बीमार चल रहे थे। तीनों तांत्रिकों ने मिलकर पिता को तंत्र विद्या से ठीक करने के लिए रेनू की बलि देने का प्लान बनाया। फिर रविवार देर रात उसकी बलि देने की कोशिश की। इसके लिए रेनू के चेहरे समेत पूरे शरीर पर चाकू से 101 जख्म किए गए थे। इस दौरान किसी तरह महिला जान बचाकर घर से भाग निकली थी।

पति, सास व ससुर को कमरे में कर दिया था बंद
जब आरोपियों की योजना की जानकारी महिला के पति, सास व ससुर को हुई तो उन्होंने विरोध करते हुए मना किया। जिस पर आरोपियों ने तीनों को झांसा दे एक कमरे में बंद कर दिया। फिर वारदात को अंजाम दिया।

सड़क पर बेहोश मिली थी पीड़िता
रेनू घर से लहूलुहान होकर निकली थी और बरेली कॉलेज पहुंचकर बेहोश हो गई थी। इस दौरान गश्त पर निकली पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। पति, सास और ससुर आदि को सब पता था, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। सोमवार शाम महिला को होश आया, तब उसने पूरी घटना बताई थी। देर रात रेनू के भाई ने एसएसपी से मिलकर शिकायत की।