सार
अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। तीन माह के अंदर ट्रस्ट का गठन होना है। ऐसी उम्मीद की जा रही है ट्रस्ट के गठन से लेकर साधु संत और विहिप खुद इस मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका को एक बार फिर से संगम की धरती से ही तय करेंगे।
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) । माघ मेले में ही लगने वाले विश्व हिंदू परिषद के शिविर में 20 जनवरी को केंदीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक होगी। इनमें बड़े प्रस्तावों के पास किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है, जिनमें राम मंदिर निर्माण की भूमिका से जुड़े प्रस्ताव भी शामिल हैं। इसके बाद अगले दिन ही 21 जनवरी को संत सम्मेलन भी होगा। जिसमें देश के कोने-कोने से आए साधु संत शिरकत करेंगे। जिसमें उन प्रस्तावों पर भी मुहर लगेगी।
एक बार फिर तय होगी मंदिर निर्माण की भूमिका
अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। तीन माह के अंदर ट्रस्ट का गठन होना है। ऐसी उम्मीद की जा रही है ट्रस्ट के गठन से लेकर साधु संत और विहिप खुद इस मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका को एक बार फिर से संगम की धरती से ही तय करेंगे।
ट्रस्ट में शामिल करने की मांग
साधु संत यह मानते हैं कि मंदिर आंदोलन में जिन पूज्य संतों और संगठनों, राजनेताओं का सहयोग और सानिध्य मिला उन्हें ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए, जबकि विहिप का साफ तौर मामना है कि केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक में निश्चित तौर पर बड़ा निर्णय हो सकता है।
प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल पर हो निर्माण
विहिप नेताओं के मुताबिक अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल पर ही भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उनके मुताबिक उसके अलावा कोई दूसरा मॉडल राम भक्तों को स्वीकार नहीं होगा, क्योंकि इस मॉडल को लेकर विहिप ने पूरे देश में लोगों के बीच जाकर जनजागरण किया है।
2001 में पास हुआ था राम मदिंर का प्रस्ताव
वर्ष 2001 के कुंभ के दौरान पहली बार अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव विहिप की धर्म संसद में पास हुआ था। इस बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि साल के अंत तक मंदिर का निर्माण न शुरु होने पर संत मंदिर निर्माण के लिए खुद अयोध्या जाएंगे।